पानी का शहर पानी को ही तरस रहा।

नाम नैनीताल!सरोवर नगरी यानि पानी ही पानी।

पर पिछले तीन दिनों से यहां लोग पानी को ही तरस रहे हैं ,हालात ये हो गये कि सुबह सुबह बाथरुम तक जाना भारी हो गया है।और अभी भी हालात सुधरे नहीं है,ये हैं नैनीताल व्यवस्थायें।आपके सामने पानी से लबालब भरा तालाब हो पर आप पानी को ही तरस रहे हों ,इससे बड़ी त्रासदी और क्या होगी।शनिवार को करीब साढ़े चार बजे होगें जब मल्लीताल रिक्शा स्टैंड के पास पानी सप्लाई का पाईप फट गया, जिससे लोगों के घरों तक पानी जाना बंद हो गया।आधे पौन घंटे तक सड़क पर पानी बहता रहता, इसकी सूचना जलसंस्थान को दिये जाने के बाद संस्थान ने सप्लाई बंद कर दी, और और जल संस्थान के अधिकारी और कर्मचारी पेयजल पाईप की मरम्मत मे जुट गये पर तीन दिन हो चुके है, हालात फिर वही जस के तस ही बने है।




शनिवार से फटे हुये पाईपों को ठीक किया जा रहा था जो पाईप ठीक भी हुये वो फिर फट गये अब नौबत ये आ गयी है, कि लोग एक दूसरे के घरों को ताक रहे है कि थोड़ा सा पानी कहीं से मिल जाये बस।घरो में बचा खुचा पानी भी अब खत्म हो चुका है।मल्लीताल के रिक्शा स्टैंड में जहां पाईप फटा है वहां से जू रोड,गायत्री निवास,स्टाॅफ हाउस,स्टोनले ,बिरला रोड,माउंट रोड,सीआरएसटी के ऊपरी क्षेत्र का हिस्सा,चार्टन लाॅज और सिमेंट हाउस के पास के क्षेत्र समेत लगभग 1800 घरों में पानी की आपूर्ती पूरी तरह ठप हो चुकी है।साल भर में इस तरह का तरह का ये आठवां मामला है ,जब लोग पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं।आज भी पानी आने की संभावनाये ना के बराबर हैं ,क्योकि मल्लीताल मुख्य पंप हाउस से डाॅक्टियल आयरन की बनी राईजिंग मेन अभी पूरी तरह ठीक नही हो पायी है ठीक हुई भी थी कि राईजिंग मेन की गैसकेट फिर से धमाकों के साथ दो और जगह से फट जाने के चलते पानी की सप्लाई बंद कर दी गयी है।पानी की सप्लाई बंद होने से लोग परेशान भी हैं और पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने से लोग नाराज भी है।