पद्मविभूषण पंडित जसराज का 21तोपो की सलामी और पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा आज अंतिम संस्कार

शास्त्रीय संगीत के विद्वान पद्मविभूषण पंडित जसराज का हृदय गति रुक जाने से अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित आवास पर सोमवार 17 अगस्त को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया था,19 अगस्त को उनका पार्थिव शरीर भारत लाया गया, और आज पंडित जसराज का पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई में अंतिम संस्कार किया जाएगा जिसकी सभी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं।पंडित जसराज के अंतिम संस्कार का सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स पर लाइव प्रसारण होगा। पूरे राजकीय सम्मान के तौर पर संगीत मार्तंड पंडित जसराज के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाएगा,पंडित जसराज के अंतिम संस्कार में कई हस्तियां भी शामिल होंगी और उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी जाएगी।परिवार के मुताबिक, अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया को मुंबई के विले पार्ले की श्मशान भूमि पर किया जाएगा ।
गुरुवार सुबह उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए इमारत परिसर में रखा गया, दर्शन के लिए कई लोग आए लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से कम ही लोगो को अंदर जाने दिया गया सोशल डिस्टनसिंग को ध्यान में रखते हुए कतार में जाने की अनुमति दी गयी । विले पार्ले स्थित पवन हंस शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. पंडित जसराज के परिवार में उनकी पत्नी मधुरमा, बेटी दुर्गा जसराज और बेटे शारंग देव पंडित हैं,उनके बेटा-बेटी भी संगीतज्ञ हैं ।कोरोना वायरस महामारी की वजह से जब भारत में लॉकडाउन लागू किया गया था तब वह अमेरिका में थे,उन्होंने वहीं रुकने का फैसला किया,उनकी बेटी दुर्गा जसराज ने उनके निधन की सूचना दी थी।
आपको बता दें कि मेवाती घराने के पंडित जसराज आठ दशकों तक भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में छाए रहे,उन्हें 1975 में पद्म श्री, 1990 में पद्म भूषण और 2000 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।पंडित जसराज के नाम अंतरिक्ष मे 11 नवम्बर 2006 को खोजे गए एक ग्रह 2006-VP32 संख्या -300128 का नाम पंडित जसराज रखा गया,भारत के लिए जसराज एक अनमोल रत्न थे जो हमेशा के लिए अमर हो गए हैं।
दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी प्यार से पंडित जसराज को ‘रसराज’ कहते थे,पंडित जसराज देश के एकलौते ऐसे शास्त्रीय संगीत गायक थे, जिन्होंने सातों महाद्वीपों में संगीत को एक शीर्ष स्थान दिलाया।