न्याय के लिए लगा रहे सरकार से गुहार

उत्तराखंड के सुदूर पिथौरागढ़ के अंतर्गत वनों में रहने वाले वन जनजाति के लोग सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लगभग12 वर्ष पूर्व एक मर्डर के आरोप में इस जनजाति के दो बच्चों को पुलिस ने गिरफ्तार कर सेन्ट्रल जेल भेज दिया था। इस जनजाति के कुछ लोगों ने आज प्रैस वार्ता करते हुए कहा कि लगभग 12 वर्ष पहले पुलिस द्वारा जनजाति के दो बच्चों को जिनकी उम्र  उस वक्त 10 से 12 वर्ष थी, जो आज लगभग 22 साल के हो गए हैं,जिस समय पुलिस ने उनको मर्डर के केस में बंद किया था, उस समय उनकी उम्र 10 से 12 वर्ष थी, जिनको बाल सुधार गृह में भेजा जाना चाहिए था परंतु पुलिस में झूठा केस बनाकर उनको सेंट्रल जेल में डाला हुआ है, साथ ही जनजाति के एक और व्यक्ति को 7 जून को पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर रखा है, वह आज तक नहीं मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि हमें शक है कि उनको पुलिस द्वारा मारकर कहीं फेंक दिया गया है।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार एक तरफ जनजातियों को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपया खर्च कर रही है, वही जो जनजाति आज मुश्किल से 500 लोग बचे हैं, उसके ऊपर झूठे आरोप लगाकर जेलों में ठूंसा जा रहा है, उन्होंने बताया कि वह जंतर-मंतर से लेकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, व सूबे के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से गुहार लगा चुके हैं, और लगातार धरना प्रदर्शन करने के चलते 5वर्षों से अपने घर पर भी नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है। उन्होंने गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार उन बच्चों की पैरवी के लिए कोई कदम उठाए और उनको बाहर निकाले।