नैनीताल: भई वाह लॉक डाउन में राशन की दुकानें बंद लेकिन शराब की दुकानें हैं खुली

लॉक डाउन में राशन नही शराब लेने निकलोगे तो पुलिस भी कुछ नही बिगाड़ पाएगी,जी हाँ अति आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखी गयी शराबों की दुकानें लॉक डाउन के दौरान खुली हुई है लेकिन राशन की दुकानें पूरी तरह बन्द है।त्रिवेंद्र रावत की सरकार जो खुद देर शाम को सोकर उठती है उन्होंने राज्य के अति कोरोना संक्रमित जिलों में शनिवार और रविवार को लॉक डाउन की घोषणा की जिसमे उनकी नज़र में राशन जनता के लिए कम आवश्यक वस्तु है लेकिन शराब अति आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती है ।हम सरकार पर कोई आरोप नही लगा रहे हैं बल्कि इस बात की सच्चाई बाज़ारो का ये नज़ारा खुद बयां कर रहा है।
एक ओर राशन और दूध की दुकानों पर सरकारी आदेशों के डर से ताले पड़े है तो वहीं दूसरी ओर शराब की दुकान खुली हुई है,इसका मतलब तो यही हुआ ना कि अगर आप राशन या दूध लेने निकल रहे है तो सावधान हो जाइए आपको पुलिस पकड़ सकती है लेकिन अगर आप शराब लेने जा रहे हैं तो बेख़ौफ़ होकर जाइये कोई आपका कुछ नही बिगाड़ पायेगा आखिर आप अति आवश्यक वस्तु लेने जो जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह लगाए गए बेतुके लॉक डाउन के बाद जनता ने काफी विरोध किया क्योंकि आदेश में ना तो दुकानों को खोलने का कोई निश्चित समय निर्धारित था और ना ही राशन इत्यादी की दुकानों को खोलने के बारे में कोई स्पष्ठ निर्देश ही दिए गए थे ।आदेश भी थोड़े हिंदी में और बाकी अंग्रेजी में थे,जैसे थोड़ा सोडा थोड़ी शराब हो, आदेशो में 2 जुलाई को जारी गाइडलाइंस का हवाला दिया गया था जबकि 2 जुलाई के बाद पूरे देश मे अनलॉक की प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू हो चुका था इससे जनता पिछले हफ्ते लगाए गए लॉक डाउन में भ्रमित ही रही वहीं इस बार भी लॉक डाउन से संबंधित जो आदेश आये उसमे 17 जुलाई के हवाला दे दिया गया जिसमें पहले से ही 2 जुलाई को अनलॉक की गाइडलाइंस के मुताबिक ही सशर्त दुकानें खोलने के आदेश थे यानी इस बार भी शासन प्रशासन ने जनता को असमंजस की स्थिति में ही रखा।