नैनीताल - धरती के पास से आज गुजरेगा विशाल एस्टरॉयड, एरीज के वैज्ञानिकों ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया।

आज 29 अप्रैल है ,क्या सचमुच आज दुनिया खत्म होने वाली है,क्या सचमुच हमारे पास बस कुछ ही घण्टे बचे हैं ? सोशल मीडिया में तो यही सब वायरल हो रहा है कि आज दुनिया खत्म हो जाएगी।दरअसल सोशल मीडिया में ये खबर तेज़ी से वायरल हो रही है कि 29 अप्रैल की शाम एक विशालकाय Asteroid उल्‍का पिंड पृथ्‍वी के करीब आने वाला है। नैनीताल के पास स्थित एशिया की सबसे ऊंचाई में स्थित वेधशाला एरीज के वैज्ञानिक शशिभूषण ने बताया कि ये छुद्र ग्रह 20 हज़ार मील प्रति घण्टे की रफ्तार से पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 16 गुना दूरी से गुजरेगा इसके पृथ्वी से टकराने की कोई संभावना नही है और ना ही इससे कोई अप्रिय घटना होने वाली है ये एक सामान्य खगोलीय घटना है ,साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 2017 में अप्रैल के महीने में ही एक एस्टरॉयड पृथ्वी से गुजरा था जिसकी दूरी 29 अप्रैल 2020 को गुजरने वाले एस्टरॉयड की तुलना में 5 गुना कम थी,इस खगोलीय घटना को 6 से 8 इंच व्यास की ऑप्टिकल दूरबीन से देखा जा सकता है।नासा भी लगातार अन्य ग्रहों से इस विशेष क्षुद्रग्रह की दूरी, इसके मार्ग और पृथ्वी से दूरी की निगरानी कर रहा है. इस ग्रह को "52768 (1998/2/2)" नाम दिया गया है। नासा ने इस ग्रह की क्षुद्रग्रह की खोज 1998 में की थी और तब से यह इसकी निगरानी कर रहा है, इस ग्रह से जुड़े सभी आंकड़े “सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज” (CNEOS) की वेबसाइट पर सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं।

अभी तक प्राप्‍त इन सभी जानकारी के अनुसार यह पृथ्‍वी से लगभग 40 लाख मील के फासले से गुजर जाएगा और हम सुरक्षित बच जाएंगे। हालांकि नासा इसके मूवमेंट पर पूरी नज़र बनाए हुए है। यदि यह अपनी कक्षा से थोड़ा भी हिलता है तो यह मुसीबत पैदा कर सकता है। यह ईस्‍टर्न टाइम के अनुसार बुधवार सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर और भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे के आसपास पृथ्‍वी के निकट होकर गुज़रेगा।इस विशाल अंतरिक्ष चट्टान का अनुमानित व्यास 1.1 से 2.5 मील (1.8 से 4.1 किलोमीटर) है, या अमेरिका के मैनहट्टन आइलैंड के बराबर चौड़ा है। 




प्‍यूर्टोरिको स्थित ऑब्‍जर्वेटरी ने डॉपलर रडार से इसकी जो तस्‍वीरें ली हैं उसमें यह ऐसा नजर आ रहा है जैसे उसने फेस मास्‍क पहन रखा है।यह धरती से 6.2 मिलियन किमी की दूरी से गुजरेगा। इस विशाल उल्‍कापिंड के करीब आने से ठीक पहले नासा के मुताबिक एक छोटे आकार का उल्‍कापिंड धरती के बगल से गुजरा है,जो आकार में 4 से 8 मीटर था और धरती से इसकी दूरी 36400 किमी थी, यह दूरी उतनी ही जितनी दूर आसमान में मानव निर्मित जियोसिंक्रनस सैटेलाइट रहती हैं।

फ़िलहाल इस एस्टरॉयड से डरने की ज़रूरत नही है इसे सिर्फ एक खगोलीय घटना के तौर पर ले,ये छुद्र ग्रह धरती से टकराने वाला नही है।