निर्भया के दोषियों के वकील ने कह दी ये गलत बात,सुप्रीम कोर्ट के बाहर भीड़ के हाथों पिटने से बाल बाल बचे।

भारत की लचर कानून व्यवस्था का फायदा उठा कर निर्भया के दोषियों को हर बार फांसी में लटकने से बचाने वाले उनके वकील एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट के बाहर रात भीड़ के हाथों पिटते पिटते बचे,जब पूरा देश निर्भया के दोषियों को फांसी मिलने की खबर पर खुशियां मना रहा था और सुबह से कोर्ट के बाहर लोगो का तांता लगा हुआ था तब निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह रात को सुप्रीम कोर्ट के बाहर भीड़ के हाथों बुरी तरह मारे जाते । दरअसल, कोर्ट के बाहर एपी सिंह ने निर्भया के चरित्र पर उंगली उठाते हुए टिप्पणी की थी, जिसपर वहां मौजूद अन्य लोग भड़क गए थे। निर्भया के वकील एपी सिंह के लिए लोग अभी भी गुस्से में हैं। फांसी के बाद भी तिहाड़ के बाहर लोग उनकी बात कर रहे थे।
एपी सिंह ने निर्भया की मां और निर्भया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। एपी सिंह ने कहा था कि निर्भया की मां को नहीं मालूम था कि उनकी बेटी रात 12.30 बजे तक कहां थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मौजूद लोगों ने उन्हें टोका और चरित्र पर टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा। मौके की नजाकत को भांपते हुए एपी सिंह वहां से निकलते बने।
निर्भया केस में जिस तरह एपी सिंह ने दोषियों का केस लड़ा, उससे काफी लोग उनसे नाराज हैं। तिहाड़ के बाहर कई लोग उनके खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। एक शख्स ने कहा कि अब एपी सिंह को पागलखाने चले जाना चाहिए, उन्हें वकालत छोड़कर संन्यास ले लेना चाहिए।
गौरतलब है कि निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों की फांसी की सजा टालने के लिए गुरुवार की रात में दोषियों के वकील ने हरसंभव कोशिश की। गुनहगारों की फांसी रुकवाने के लिए गुरुवार के दिन से शुरु हुआ प्रयास आखिरकार रात में करीब 3.30 बजे खत्म हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की सारी याचिकाएं खारिज कर दी। देर रात तक एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट तक दौड़ते रहे ताकि किसी तरह गुनहगारों की फांसी रुक जाए, मगर कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और सारी दलीलों और याचिकाएं खारिज कर फांसी की सजा को तय तारीख पर बरकरार रखा। इस तरह से शुक्रवार की सुबह तिहाड़ जेल में 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों पवन, अक्षय, मुकेश और विनय को फांसी पर लटकाया गया।
दोषियों को फांसी से बचाने के लिए वकील एपी सिंह ने पूरी कोशिश की और रात में ही दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरजावा खटखटाया। शुक्रवार की आधी रात को दिल्ली हाईकोर्ट में निर्भया के दोषियों की तरफ से फांसी पर रोक की मांग की गई, मगर दिल्ली हाईकोर्ट इसे खारिज कर दिया। इसके तुरंत बाद गुनहगारों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।