देर रात महानगर के दो एसपीओ आपस में भिड़े ।

उत्तराखंड प्रदेश मे कोरोना वैश्विक बीमारी से निपटने और पुलिस की कमी को दूर करने के लिए विशेष पुलिस अधिकारी ( एसपीओ )का गठन किया गया जो कोरोना वैश्विक बीमारी व समाज की गंदगी दूर करने व पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिला कर और मददगार साबित हो इस मंशा के साथ एसपीओ को नियुक्त की गया । बहुत हद तक ऐसा ही साबित हुआ कुछ एसपीओ ने उम्मीद से बढ़कर काम किया और कोरोना के जंग मे पुलिस के मददगार के रूप मे साबित हुये । इतना ही नहीं मर्डर मिस्ट्री जैसे मामलों में भी मित्र पुलिस ने एसपीओ पर भरोसा जताते हुए उनसे मदद ली। मित्र पुलिस ने भी इनकी अलग पहचान के लिए इन्हे कोट और आईकार्ड मुहैया कराया । जहां एक ओर एसपीओ ने उम्मीद से बढ़कर पूरे लगन और मेहनत के साथ काम किया तो कई जगहों पर एसपीओ के विवाद के मामले भी प्रकाश में आए। जिसके बाद मित्र पुलिस ने लगातार एसपीओ को कार्यप्रणाली सिखाते हुए उनसे आम जनता से बड़े ही विनम्र और अदब के साथ पेश आने के निर्देश दिए । लेकिन इसके बावजूद फिर भी एसपीओ के विवाद के मामले न चाहते हुए भी सामने आ रहे हैं ।
ताजा मामला ऊधम सिंह नगर के महानगर रुद्रपुर के वार्ड नंबर 10 का है जहां मामूली विवाद पर दो एसपीओ आपस में ही भीड़ गए। देर रात करीब 12 बजे ठाकुर नगर के दो एसपीओ मे मामूली सी बात को लेकर कहासुनी हो गई फिर क्या था दोनों एसपीओ एक दूसरे पर टूट पड़े। एक एसपीओ ने अपने परिवार और मित्र के साथ मिलकर दूसरे एसपीओ से जंग छेड़ दी । करीब 1 घंटे तक जुबानी तीर चलते रहे इस जंग के दौरान परिवार को बुलाकर लाने वाले एसपीओ ने तो दूसरे एसपीओ को ड्यूटी से हटाने और थाने में कार्ड जमा कराने का फरमान जारी कर दिया और आगे देख लेने की धमकी भी दे डाली। इतना ही नहीं 1 घंटे के इस जुबानी जंग में ठाकुरनगर के मैन रोड पर जमकर गाली गलौज और गंदी भाषाओं का प्रयोग किया गया तो दोनों एसपीओ के बीच जंग भयंकर हाथापाई होने तक के नौबत पहुच गए । लेकिन बाद में दो उमरदार एसपीओ ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए दोनों एसपीओ को बमुश्किल समझा कर घर भेज दिया।
एक ओर ट्रांज़िट कैंप के एसओ विद्यादत्त जोशी रोजाना एसपीओ का मार्गदर्शन करते हुए लगातार विनम्रता और सहजता का पाठ पढ़ाकर समाज में बिना लड़ाई झगड़ा व बिना विवाद के कार्य करने की प्रेरणा देते हुए दिशा निर्देश देते हैं। तो उनकी बात और पढ़ाये पाठ को भूलकर कुछ एसपीओ मामूली सी बात पर ही लड़ झगड़ पढ़ते हैं।