दुश्मन को नेश्तनाबूत करने के लिए खुद को तैयार करती बीएसएफ

लगातार बढ़ते आतंक के खतरे को देखते हुए देहरादून के डोईवाला में स्थित BIAAT यानी बीएसएफ इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस एंड एडवेंचर ट्रेनिंग संस्थान देश भर की सेनाओं के जवानों को भविष्य के खतरों के लिए किस तरह तैयार करता है। ऋषिकेश में गंगा की लहरों के बीच बीएसएफ अपने-आप को किस तरह मजबूत कर रही है| जानिए इस रिपोर्ट के माध्यम से-
स्वच्छता एवं योगा - पानी के उपर बीएसएफ के प्रक्षिक्षण को एक्वेटिक प्रक्षिक्षण कहा जाता है। गंगा तट पर प्रक्षिक्षण के लिए पहुंचे बीएसएफ जवानों ने गंगा तट के आस-पास की सफाई कर स्वच्छ गंगा का संदेश दिया,तो वहीं बीच गंगा की लहरों में योगा कर अपनी फिटनेस व अदम्य साहस का परिचय दिया|
राफ्टिंग व क्याकिंग-
यूं तो राफ्टिंग साहसिक खेल के तौर पर प्रसिद्ध है, और साहसिक खेल के शौकीन राफ्टिंग को सबसे अधिक पसंद करते हैं। लेकिन यहां बीएसएफ के लिए राफ्टिंग सिर्फ साहसिक खेल नहीं बल्कि लड़ाई व आपदा के दौरान सैन्य सामग्री को इस छोर से उस छोर पर पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है। साथ ही जवानों को प्रशिक्षण के दौरान सिखाया कि यदि तेज बहाव में राफ्ट पलट जाती है तो किस प्रकार अपने आप का बचाव करते हुए फिर से राफ्ट पर चढ़ना है।इस प्रशिक्षण में क्याकिंग पर सबसे अधिक जोर दिया गया, क्योंकि खोज व बचाव में क्याक एक बेहतरीन उपकरण के तौर पर प्रयोग की जाती है। क्याक के जरिए बहुत कम समय में तेज गति से पानी में आगे बढ़ा जा सकता है।
रस्सी के जरिए प्रशिक्षण- बीएसएफ के प्रशिक्षण सत्र का सबसे महत्वपूर्ण व जोखिम भरा प्रशिक्षण था बिना राफ्ट व बिना किसी हलचल के एक रस्सी के सहारे बड़ी से बड़ी नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचना, जिसमें पुरुष जवानों के साथ ही महिला जवानों ने भी दिखाया की किस तरह दुश्मन को भनक लगे बिना रात के अंधेरे में रस्सी के माध्यम से बिना लाइफ जैकेट के इस छोर से उस छोर तक पहुंचा जा सकता है|
इस पूरे अभ्यास सत्र को लीड़ कर रहे बीएसएफ के कमांडेंट भूपेन्द्र सिंह रावत ने हमसे बातचीत के दौरान बताया कि हमारे जवान किसी भी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हैं, चाहे वह दुश्मनों से निबटने की बात हो या किसी आपदा के दौरान राहत व बचाब की| साथ ही उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान जवानों को सिखाया जाता है कि, पानी के भीतर किसी तरह के आपरेशन के लिए अगर जाना हो तो कैसे जाया जा सकता हैे।बीएसएफ ने कुछ ऐसे नए उपकरण ईजाद किए हैं, जिनकी मदद से पानी में बीएसएफ जवानों का पता लगाना बहुत मुश्किल है।