जेल की हवा खाते हुये भी चिदम्बरम को जेल पहुंचाने में मुख्य गवाह बनी थी इंद्राणी।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी.चिदम्बरम की गिरफ्तारी के पिछे जिसका सबसे बड़ा हाथ है वो खुद भी सलाखों के पीछे अपनी बेटी की हत्या करने के जुर्म में सजा काट रही है, जी हां चिदम्बरम और उनके बेटे के खिलाफ इंद्राणी मुखर्जी के दिये बयान ने पासा ही पलट कर रख दिया, इंद्राणी मुखर्जी ने 17 फरवरी 2018 को अपना बयान दर्ज किया था कि चिदम्बरम के बेटे कार्ति ने मुखर्जी दंपत्ति से हयात होटल में पूरे एक मिलियन की रिश्वत मांगी थी, ये रिश्वत कार्ति ने एफआईपीबी की मंजूरी में हुये उल्लंघन के मामले को निबटाने के लिये मांगी गयी थी,ताकि जल्द से जल्द एफआईपीबी की अनियमिततायें ठीक हो सकें। आपको बता दें कि मार्च 2007 में आईएनएक्स मीडिया ने उस शर्त का उल्लंघन किया था, जिस पर उसे एफआईपीबी (विदेश निवेश संवर्धन बोर्ड) द्वारा शेयर जारी करने के माध्यम से 46% इक्विटी जुटाने की अनुमति दी गयी थी, अंकित मूल्य पर जारी कर 4.62% करोड़ रूपये जुटाने की अनुमति के खिलाफ कंपनी ने प्रीमियम पर शेयर जारी करके 305 करोड़ रूपये प्राप्त कर लिये, इतना ही नहीं आईएनएक्स मीडिया में 26% डाउनस्ट्रीम निवेश करने के लिये एफआईपीबी को भी दरकिनार कर दिया।
सजा काटते हुये भी सरकारी गवाह बन कर देश की राजनीति में हलचल करने वाली इंद्राणी आईएनएक्स मीडिया प्राईवेट लिमिटेड की पूर्व निदेशक हैं, और शीना बोरा हत्याकांड में जेल में बंद है। शीना बोरा इंद्राणी की ही बेटी थी। इंद्राणी के बयान को मुख्य आधार मानकर पी. चिदम्बरम और उनके बेटे पर केस दर्ज हुआ और बुद्धवार शाम सीबीआई ने चिदम्बरम को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।