जानिए कैसे बनती है बिजली और कैसा होता है पावर हाउस

उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश कहा जाता है।लेकिन पिछले कई सालों में जिस तरह जल विद्युत परियोजनाओं पर बड़े पैमाने पर रोक लगी है उसे उत्तराखंड में पावर सेक्टर को बड़ा झटका लगा है। लेकिन अब राज्य को लखवाड़ व्यासी जल विद्युत परियोजना से बड़ी उम्मीद है ।जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर आखिर क्या कुछ है राज्य सरकार के कार्य योजना देखिए आवाज उत्तराखंड की इस स्पेशल रिपोर्ट में। लेकिन केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद व्यासी परियोजना पर लगातार कार्य जारी है।देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में व्यासी क्षेत्र में 120 मेगा वाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना बनाई जा रही है। व्यासी जल विद्युत परियोजना के निर्माण 1986 में शुरू हुआ था लेकिन पर्यावरण विदों और केंद्रीय पर्यावरण विभाग द्वारा प्रतिबंध के चलते 2014 में परियोजना की फिर शुरुआत हुई। परियोजना को लेकर उत्तराखंड जल विद्युत निगम के द्वारा टनल निर्माण का कार्य किया जा रहा है। आवाज उत्तराखंड ने व्यासी जल विद्युत परियोजना की टनल में पहुंचकर उत्तराखंड जल विद्युत निगम के अधिकारियों से व्यासी जल विद्युत परियोजना के बारे में जानकारी ली। व्यासी जल विद्युत परियोजना में करीब 2.7 किलोमीटर लंबी टनल बनाई गई है। परियोजना डैम से इसी टनल के जरिये पानी लाकर टरबाइन के लिए छोड़ा जाएगा। टनल में 60 मेगा वाट की दो टरबाइन लगाई गई है जिनसे 120 मेगा वाट विद्युत उत्पादन किया जाएगा। व्यासी परियोजना के पावर हाउस निर्माण का कार्य भी सुचारू है।  अधिकारियों का कहना है कि 2020 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना से सारी विद्युत उत्तराखंड को ही प्राप्त होनी है। व्यासी जल विद्युत परियोजना रन ऑफ द रिवर प्रोजेक्ट है। जिसमें डैम में पानी रोकने की जरूरत नहीं है। व्यासी जल विद्युत परियोजना के जरिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम विद्युत उत्पादन के साथ नदी में पानी के फ्लो  को भी बनाये रखना चाहता है।


उत्तराखंड की दूसरी महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजना लखवाड़ विद्युत परियोजना है। लखवाड़ जलविद्युत परियोजना के जरिए 300 मेगावाट बिजली उत्तराखंड को प्राप्त होगी। उत्तराखंड की राज्य सरकार ने लखवाड़ को राष्ट्रीय महत्व की जल विद्युत परियोजना घोषित करवाया है। क्योंकि इस परियोजना से छह राज्यों को पेयजल और सिंचाई जल उपलब्ध होगा। 1986 में लखवाड़ जल विद्युत परियोजना की शुरुआत की गई थी। लेकिन 1992 में परियोजना को रोक दिया गया था। पहले जयप्रकाश हाइड्रो ग्रुप के द्वारा इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा था लेकिन अब उत्तराखंड जल विद्युत निगम इस परियोजना का निर्माण। लखवाड़ जल विद्युत परियोजना से उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश राजस्थान हरियाणा और दिल्ली को पेयजल और सिंचाई का जल उपलब्ध होगा। लखवाड़ जल विद्युत परियोजना से उत्तराखंड को पूरी तरह से विद्युत प्राप्त होगी। लखवाड़ जल विद्युत परियोजना के निर्माण में 25 किलोमीटर झील का निर्माण किया जाएगा। 1986 में शुरू की गई लखवाड़ जल विद्युत परियोजना में कई बार प्रतिबंध लगने से 200 करोड़ में बनाई जाने वाली जल विद्युत परियोजना अब 6000 करोड़ की लागत से बनाई जाएगी। हालांकि 6 राज्यों से अनुमति मिलने के बाद भी फिलहाल मामला एनजीटी में अटका हुआ है, एनजीटी ने प्रोजेक्ट के रिव्यू रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।