जनता कर्फ़्यू के दिन आभार व्यक्त करने के लिए ताली,थाली और घंटी ही क्यों? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।

22 मार्च को पूरे देश मे जनता कर्फ़्यू लगने जा रहा है,इससे कोरोना वायरस के संक्रमण की श्रृंखला टूट जाएगी और काफी हद तक कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा।22 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने डॉक्टरों, नर्सों, मीडियाकर्मियों, होम डेलिवरी करने वालों और रेलवे, बस और ऑटो चालकों की हौसलाआफ़जाई के लिए कहा है, “रविवार को यानी जनता कर्फ्यू के दिन शाम के ठीक 5 बजे हम अपने-अपने घर के दरवाज़ों पर या खिड़कियों, बालकनी में खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें, और आभार कैसे व्यक्त करेंगे- ताली बजाकर के, थाली बजाकर के, घंटी बजाकर के हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें। पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी उन्होंने आग्रह किया है कि 22 मार्च को 5 बजे सायरन बजाकर इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं.”
आभार व्यक्त करने के और तरीके भी अपनाए जा सकते हैं लेकिन ताली, थाली,और घंटियों को बजाकर ही आभार व्यक्त करने के पीछे ना सिर्फ धार्मिक कारण छुपा है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी इसके पीछे छिपा हुआ है।धार्मिक कारण के अनुसार सनातन धर्म मे करतल ध्वनि, घण्टा ध्वनि ,शंख ध्वनि का विशेष महत्व होता है,जिससे वायुमंडल के सभी सूक्ष्म, जीवाणु,विषाणु, जीव इत्यादि नष्ट हो जाते हैं।जहां घण्टी की ध्वनि नियमित रूप से बजती है वहाँ से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं,और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।वही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जब घंटी,ताली इत्यादि बजायी जाती है तब वायु में कंपन्न उत्पन्न होता है जिससे हमारे दिमाग के बाएं और दाएं हिस्से में एकाग्रता पैदा होती है जिस वक्त घण्टी बजती है उस पल में एक स्थायी ध्वनि उत्पन्न होती है जो प्रतिध्वनि मोड में न्यूनतम 7 सेकेंड तक रहती है
उज्जैन स्थित धर्म विज्ञान शोध संस्थान पर तालियों और घंटेे की आवाज पर शोध हुआ है। शुक्रवार को संस्थान के निर्देशक डॉ जे जोशी ने आगरा प्रवास के दौरान जागरण डॉट कॉम को घंटे और तालियों की ध्वनि से होने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी। डॉ जे जोशी ने बताया कि ध्वनि की फ्रीक्वेंसी कोरोना का साफ कर सकती है। विशेषकर शतभिषा नक्षत्र में लगातार यदि घंटा बजाया जाए तो उसकी ध्वनि विषैले बैक्टीरिया वायरस को समाप्त कर देती है। शतभिषा नक्षत्र में हीलिंग पावर होती है। इसमें एक सुरक्षा चक्र बनाता है जो रक्षा करता है और इम्यून पावर बढ़ाकर मजबूती प्रदान करता है।
इसलिए 22 मार्च को शाम 5 बजे देश के सभी डॉक्टरों, नर्सो, मीडियाकर्मियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, रेलवे,बस,ऑटो,चालको की इस मुश्किल घड़ी में भी दिन रात काम करने को लेकर हौसलाअफजाई करते हुए अपनी अपनी खिड़कियों, बॉलकनी, आंगन इत्यादि से ताली,थाली, और घण्टी ज़रूर बजाएं।