खुलासा:त्रिवेंद्र सरकार के कुशासन की पोल खोलता जहन्नुम रूपी हल्द्वानी का अस्पताल

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी में मरीजो के साथ बरती जा रही लापरवाही अब दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है,ऐसा ही  गर्भवती महिला के साथ लापरवाही का एक और मामला सामने आया है जिसने सुशीला तिवारी अस्पताल के साथ साथ शासन प्रशासन की भी कलई खोल कर रख दी है।

हल्द्वानी के मोहम्मद मारूफ़ की गर्भवती पत्नी गुल्फ़ज़ा की पहले कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी ,सुशीला तिवारी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी जिसके बाद महिला को सुशीला तिवारी के एच वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।पिछले दो दिनों से महिला को कोई नर्स या डॉक्टर देखने नही आयी ना ही महिला की पट्टियां बदली गयी जबकि सिजेरियन डिलीवरी में हर रोज़ पट्टियां बदली जाती है वरना इंफेक्शन होने का डर रहता है। इसके अलावा कल रात महिला की यूरिन थैली तक को साफ नही किया गया। कोरोना एच वार्ड में भर्ती अन्य मरीजो ने महिला का सेनेटरी पैड बदला महिला की स्थिति को देखकर बाकी मरीजो में भी खासा गुस्सा व्याप्त होने लगा। 


दूरभाष पर एक अन्य मरीज ने इस मामले की जानकारी दी जिसके बाद आवाज़24x7 की बात महिला की पति मोहम्मद मारूफ़ से हुई जिसमें पता चला कि नवजात शिशु को भी आईसीयू में रखा गया है क्योंकि बच्चे का पीलिया बिगड़ गया और आज सुबह नवजात का ब्लड बदला गया है ,मोहम्मद मारूफ़ और उनकी पत्नी पिछले दो तीन दिनों से सुशीला तिवारी की बदहाली का शिकार हो रहे हैं,जबकि जिलाधिकारी द्वारा सख्त निर्देश भी दिए गए है कि गर्भवती महिलाओं के प्रसव कार्यो में किसी भी तरह की कोई लापरवाही ना बरती जाये।


इस पूरे मामले में आवाज़24x7 ने सीएमओ भागीरथी जोशी से सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने या तो फ़ोन ही काट दिया या फ़ोन रिसीव ही नही किया, वहीं आवाज़24X7 ने फिर सुशीला तिवारी अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ भसौड़ा को भी फ़ोन किया लेकिन उन्होंने भी फ़ोन रिसीव नही किया।

गौरतलब है स्वास्थ्य विभाग की कमान स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के पास है और ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का उदासीन रवैया त्रिवेंद्र सरकार की कार्यप्रणाली को दर्शाता है ।