क्या होता है रोजगार छीने जाने का दर्द ?

उत्तराखंड की जीवनदायिनी 108 में काम करने वाले 700 से ज्यादा कर्मचारी कल के बाद बेरोजगार हो जाएंगे,जिसको लेकर उत्तराखंड की सियासत गर्म हो गई है, क्यों 108 के कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है और क्यों ये राजनीति का मुदा बन गया है देखिए आवाज 24*7 की खास रिपार्ट।
उत्तराखंड में जीवनदायिनी के नाम से जाने जाने वाली 108 सेवा के 717 कर्मचारी 1 मई के बाद बेरोजगार हो जाएंगे,जिसकों लेकर कर्मचारियों ने कल से सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है। दरअसल 108 का संचालन जीवीके कम्पनी के द्धारा प्रदेश में किया जा रहा था,लेकिन जीवीके के द्धारा बेहतर संचालन न किए जाने से सरकार ने कैम्प कंपनी को अब 108 सेवा के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है। 1 मई से पूर्ण तरीके से कैम्प संस्था प्रदेश में 108 का संचालन शुरू कर देगी,लेकिन 108 की जिम्मेदारी दूसरी संस्था को दिए जाने से सालों से 108 में जीवीके कम्पनी के साथ काम कर रहे कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है जिसको लेकर कल से कर्मचारी सरकार के खिलाफ धरना देने का मन बना चुके है। तो वहीं इसको लेकर अब राजनीति शुरु हो गयी है।रोजगार छीने जाने का दर्द वहीं समझ सकता है जिसका रोजगार छिना जा रहा हो लेकिन बेरोजगार हो रहे कर्मचारियों को कांग्रेस का समर्थल मिला है,कांग्रेस 108 के उन कर्मचारियों के पीछे अपनी राजनैतिक रोटी सेकना चाह रही है जिनकी रोजी रोटी बंद होने जा रही है,कांग्रेस प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कह रही है कि डबल इंजन की सरकार रोजगार छीनने का काम कर रही है जिसको कांग्रेस बर्दास्त नहीं करेगी और कर्मचारियों को अपना समर्थन देते हुए उनके साथ धरने पर बैठेगी।
वास्तव में 108 के उन 717 कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है जिन्हे 108 की नई संस्था में काम तो अभी मिला नहीं,लेकिन जीवीके कम्पनी ने नोटिस देकर अवगत करा दिया है कि 30 अप्रैल के बाद आपकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगी,समाधान की आस कर्मचारियों को सरकार से थी,लेकिन सरकार ने अभी तक कोई समाधान कर्मचारियों के लिए नहीं ढूंढ़ा है। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना कि उन्होने स्वयं मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सचिव को पत्र भेजकर नई संस्था में कर्मचारियों को रोजगार देने के लिए पत्र लिखा,लेकिन यह संस्था पर निर्भर करता है कि अपने साथ किस कर्मचारी को रखना चाहती है।
उत्तराखंड में यूं तो आचार संहिता के चलते कर्मचारियों की मांगों की गूज सुनाई नहीं दे रहे है,लेकिन आचार संहिता के बीच कल से 108 के कर्मचारी परेड ग्राउड़ में धरना स्थल पर अपनी एक सूत्रीय मांग लेकर धरना देने जा रहे है जिसमें कांग्रेस नेता भी 108 के कर्मचारियों के मंच पर नजर आएंगे,लेकिन देखना ये होगा कि आखिर जिस मांग को लेकर कर्मचारी और कांग्रेस सरकार पर हल्ला बोलने की तैयारी में है सरकार उस ओर ध्यान भी देती है या नहीं ।