क्या ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना भूमि अधिग्रहण मुआवजे में एन.एच.-74 की तरह हो रहा घोटाला

आलोक रावत-पौड़ी
उत्तराखण्ड की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल-लाइन परियोजना में भूमि अधिग्रहण सर्किल रेट में बदलाव का खमियाजा अब उन ग्रामीणों को उठाना पड रहा है जिनकी भूमि इस रेल लाइन परियोजना के लिए अधिकृत की गई है,सर्किल रेट में बदलाव होने के चलते डुंग्रीपंथ गांव के लगभग 100 ग्रामीणों को प्रति परिवार लाखों का नुक्सान भूमि अधिकृत करने के बाद उठाना पड़ रहा है।ग्रामीणों का आरोप है की उनकी जमीन के मुताबिक़ उन्हें दी जा रही मुआवजा राशि इस सर्किल रेट के के मुताबिक़ काफी कम और असन्तोषजनक है,जिसको लेकर उन्होंने प्राधिकरण में भी अपनी शिकायत और आपत्ति दर्ज कराई है।ग्रामीणों का ये भी आरोप है की प्रशासन ने गांव के ही कई व्यक्तियों से सांठगांठ कर कम भूमि रेल परियोजना में अधिकृत करने के बाद उन्हें तय रेट से अधिक की मुआवजा राशि पूर्व में आवंटित कर उन्हें लाखों रूपये का फायदा पहुँचा डाला है।जबकि उन्हें अब नए सर्किल रेट का हवाला देकर मामूली मुआवजे में संतुष्ट होने के लिए कहा जा रहा है,ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर कुछ ऐसे दस्तावेज भी अपर जिलाधिकारी के समक्ष रखे जिसमें भूमि अधिकारी के सर्वे करने पर कई खामियां और गडबडी पाई गई ये गड़बड़ी भूमि के गोल खाते यानि परिवार सदस्यों की एक ही भूमि होने के कारण परिवार के अन्य सदस्यों से सहमति लिए बिना इसका कर दिया गया मुआवजा राशि से नाखुश ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए पुराने सर्किल रेट के तहत ही सन्तोषजनक मुआवजा देने की मांग प्रशासन से की है।दरअसल रेल परियोजना में भूमि अधिग्रहण की कुछ गड़बड़ियां सर्वे कार्य तेज़ी से निपटाने के कारण भी हुई हैं,वहीँ ग्रामीणों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए अपर जिलाधिकारी ने इसे पूर्व जिलाधिकारी सुशील कुमार और पूर्व अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा के कार्यकाल में तय हुई सर्किल रेट की पुरानी रिवार्ड राशि बताया है जिसमे बदलाव हो चूका है अपर जिलाधिकारी ने इस बात को भी स्वीकारा की कई व्यक्तियो को अधिकृत की गई भूमि में तय हुए मुआवजे राशि से अधिक की मुआवजा राशि आवंटित हुई है।जिस पर इन लोगों को रिकवरी नोटिस भेजे जा रहे हैं।साथ ही मुआवजे से नाखुश ग्रामीणों की समस्या पर प्राधिकरण विचार कर रहा है।