कहां बन गया कूड़े का पहाड़, आ रही है इतनी दुरगंध

शीशमबाड़ा में कूड़े का निस्तारण कितना हो पा रहा है,इसका अंदाजा वैसे तो कूड़े के पहाड़ और दूर-दूर तक फैलती दुरगंध से लगाया जा सकता है।लेकिन अब पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में भी स्पष्ट हो चुका है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइक्लिंग प्लांट से पर्यावरण की नई दुश्वारियां बढ़ गई हैं।प्लांट में कूड़ा प्रबंधन मानकों के अनुरूप न होने के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने प्लांट का संचालन कर रही कंपनी को नोटिस जारी कर15 दिन में जवाब देने को कहा है।हाल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने शीशमबाड़ा प्लांट में कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्थाओं की जांच की थी।इसमें पाया गया था कि कूड़े का पृथककरण तक ढंग से नहीं किया जा रहा।इससे निकलने वाले लिचेट दुर्गंध युक्त गंदगी का निस्तारण भी उचित माध्यम से नहीं किया जा रहा था।इससे पास की नदी में भी जहरीले पानी की निकासी हो रही है।दुर्गंध रोकने के लिए भी समुचित उपायों का अभाव पाया गया।इसके साथ ही प्लांट की अव्यवस्थाओं से हो रही पर्यावरणीय क्षति का भी आकलन किया गया।इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय ने प्लांट के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की संस्तुति बोर्ड मुख्यालय को भेज दी।अब इस संस्तुति पर कार्रवाई करते हुए बोर्ड मुख्यालय की ओर से जारी नोटिस में रैमकी कंपनी को पर्यावरणीय क्षति लगाने की बात भी कही गई है।जिसका जवाब रैमकी कंपनी को 15 दिन के भीतर देना होगा।उत्तर संतोषजनक न पाए जाने पर कंपनी पर जुर्माना लगा दिया जाएगा।इसी 15 दिन की अवधि में कंपनी को प्लांट की सभी व्यवस्थाएं नियमों के अनुरूप करनी होंगी। ऐसा न कर पाने पर कंपनी के खिलाफ विधिक व प्रशासनिक कार्रवाई भी की जा सकती है।