उत्तराखण्ड क्रिकेट के लिए अच्छी खबर

बीसीसीआई के घरेलू सत्र 2018-19 में पहली बार खेलने वाली उत्तराखण्ड की सात टीमों ने पहले सत्र में शानदार प्रदर्शन करते हुए अगले सत्र के इलीट सी ग्रुप के लिए क्वालीफाई कर लिया है|

उत्तराखण्ड के क्रिकेट संघों में लंबे समय से आपसी मतभेद हैं,जिसके चलते राज्य गठन के 18 साल बाद भी उत्तराखण्ड को बीसीसीआई से मान्यता नहीं है|जिस कारण उत्तराखण्ड के खिलाड़ी पलायन कर दूसरे राज्यों से खेलने को मजबूर हुए,जहां कुछ खिलाडियों ने अपनी बड़े स्तर पर अपनी छाप छोड़ी तो कुछ खिलाडियों को बाहरी राज्य का होने का खामियाजा भी भुगतना पड़ा|दूसरे राज्य से होने के कारण उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं दिया गया|

जून 2018 में लोढ़ा कमेटी की सिफारिश पर उत्तराखण्ड में क्रिकेट संचालन को एक साल के लिए उत्तराखण्ड क्रिकेट कंसेंसस कमेटी का गठन किया गया,जिसके तहत उत्तराखण्ड से सभी प्रारूपों की टीम पहली बार बीसीसीआई के घरेलू सत्र में खेलने के लिए मैदान में उतरी|

उत्तराखण्ड की टीमों ने पहले सत्र के लीग मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन कर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी,लेकिन टीमें इससे आगे नहीं बढ़ पाई|प्लेट ग्रुप के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली उत्तराखण्ड की सभी टीमें अगले सत्र से इलीट सी ग्रुप से खेलेंगी|

इन टीमों ने किया क्वालीफाई-

पुरुष अंडर-19 टीम- कूच बिहार ट्रॉफी

पुरुष अंडर-23 टीम- मल्टी डे

पुरुष अंडर-23 टीम- वनडे

पुरुष सीनियर टीम - रणजी ट्रॉफी

महिला सीनियर टीम- वनडे

महिला अंडर-19- वनडे

महिला अंडर-23 वनडे

उत्तराखण्ड के खिलाडियों ने पहले ही सत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और क्वार्टर फाइनल तक अपना सफर तय किया|उत्तराखण्ड के कुछ खिलाडियों को इंडिया अंडर-19, इंडिया ए व इंडिया बी टीम में भी शामिल कर लिया गया|