उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवासीय बकाया किराए और अन्य सुविधाओं के मामले पर हाइकोर्ट ने सुरक्षित रखा निर्णय।

पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास भत्ता व अन्य सुविधाओं में हुए खर्चे को वसूल करने के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने
दायर जनहित याचिका की सुनवाई पूरी कर ली है ।कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखते हुए निर्णय के लिए सोमवार की तिथि नियत की है । सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार अध्यादेश लाई है, यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नही किया गया। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।
आपको बता दे देहरादून की रूलर लिटिगेशन संस्था ने राज्य सरकार के उस ऑर्डिनेंस को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी ,जिसमें राज्य सरकार ने 5 सितंबर 2019 को ऑर्डिनेंस लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया किराए को माफ कर दिया था । इससे पूर्व मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी, विजय बहुगुणा, और रमेश पोखरियाल 'निशंक' को घर खाली कर ब्याज समेत बाजार मूल्य से किराया भरने को कहा था । पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी को नोटिस की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है।