उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं आग से

तापमान में बढोत्तरी के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में आग भड़कने लगी है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से वनाग्नि की 1470 से ज्यादा घटनायें सामने आ चुकी हैं। मुख्य वन संरक्षक पीके सिंह ने कहा कि इस साल अब तक जंगलों में आग लगने की घटनाओं से प्रदेश के गढवाल और कुंमाऊ दोनों क्षेत्रों में कुल मिलाकर 1800 हेक्टेअर से ज्यादा वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि वनाग्नि से गढवाल मंडल के मुकाबले कुमांउ मंडल में ज्यादा मामले सामने आये हैं। कुमांउ के तराई में ज्यादा मामले सामने आये हैं। सभी जिलों में आग की घटनायें सामने आई हैं। केदारनाथ में भी आग की घटनायें सामने आई हैं। आग लगाने के मामलों में अब तक तीन लोगों को पकड़ा गया है। आग को वन विभाग के कार्मिक स्थानीय लोगों की मदद से बुझाने के काम में जुटे हुए हैं । उन्होंने कहा कि यद्यपि उत्तराखंड में ‘‘फायर सीजन’’ 15 फरवरी से माना जाता है, लेकिन मई में तापमान बढने के साथ ही वनाग्नि की घटनाओं में और बढोत्तरी हो गयी है।हालांकि उन्होंने हालात नियंत्रण में होने की बात कही लेकिन बढ़ती आग की घटनाओं को रोकने में नाकाफी हो रहे वन-विभाग को अब आगे वर्षा होने की संभावना से आग पर नियंत्रण पाने की उम्मीद है। मुख्य वन संरक्षक पीके सिंह ने उत्तराखण्ड के लोगों से आग बुझाने में सहयोग की अपील की।