उत्तराखंड:आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए ज़रूरी है इमोशनल कनेक्टिविटी बनाये रखें:एसपी देहात हरिद्वार

बॉलीवुड ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या करने के बाद मानो आत्महत्याएं करने का सिलसिला शुरू हो गया है। हरिद्वार जनपद में दर्जनों लोगो ने खुद को मौत की गहरी नींद सुला दिया, कोविड-19 के दौर में ही जनपद के अलग-अलग क्षेत्रो से आत्महत्याओ की घटनाएं प्रकाश में आती रही है। बड़ी बात ये है कि खुद को मौत की नींद सुलाने वाले अधिकांश नौजवान थे। बहरहाल मौत का कारण कुछ भी रहा है लेकिन इस तरह से आत्महत्याओ की घटनाएं बढ़ना चिंता जनक है। जनपद हरिद्वार का आंकड़ा देखे तो हाल ही में दर्जनों लोगों ने ख़ुद को मौत की नींद सुला दिया, अधिकांश लोग मौत का फंदा बनाकर झूल गए, परिवार समझ ही नही पाए कि आख़िर ऐसी क्या वजह रही जो ज़िन्दगी को अलविदा कहकर मौत को गले लगा लिया गया। कही पुलिस की फाइलों में आत्महत्या की गुत्थी सुलझी तो कही अनसुलझी कहानी बनकर दफ़न हो गई। रुड़की क्षेत्र की अगर बात की जाए तो हाल ही में लंढौरा में एक युवा पत्रकार ने रस्से से लटककर आत्महत्या की थी इसके साथ ही धनौरी में एक सिपाही, झबरेड़ा में एक महिला सिपाही, रुड़की के पठापुरा में एक विवाहिता औऱ भगवानपुर के एक स्कूल में एक मजदूर समेत अन्य आत्महत्याओ की घटनाएं प्रकाश में आई है। 

आपको बता दे कि कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा विश्व खौफ के साये में है, ऐसे में लोगो के सामने विभिन्न तरीके की दिक्कतें आन खड़ी हुई है। इस मुश्किल की घड़ी में कुछ नौजवान मौत की आगोश में सो गए है। बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं से पुलिस महक़मा भी अछूता नही है। पुलिस के आलाधिकारियों की माने तो बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं चिंता जनक है। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह बताते है कि हाल ही में आत्महत्याओं की घटनाएं हुई है, जो अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही चिंताजनक भी है उन्होंने बताया सामाजिक, आर्थिक, परिवारिक कारकों के सम्मेलन से ही ऐसी घटनाएं होती है। एसके सिंह ने अपील करते हुए कहा कि आपसी भावनात्मक जो कनेक्टिविटी है उसे बनाए रखे, एक दूसरे का हौसला बने, दुसरो के लिए मददगार साबित हो, विपरीत परिस्थितियों में लोगो की सहायता करे, इमोशनल कनेक्टिविटी और सोशल कनेक्टिविटी बढ़ानी होगी तभी ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।