अपने छोटे भाई की गुलदार के हमले से जान बचाने वाली उत्तराखंड की वीरांगना

वो दुर्गा है ,वो काली है।

वो गिरिजा है,वो रुद्राणी है।

वो "राखी" है ,वो चिंगारी है।

वो शक्ति है,वो संहारी है।

ये पंक्तियां अपने भाई की जान बचाने के लिए चंडी बनी राखी पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मण्डल के बीरोंखाल ब्लॉक की राखी रावत के अदम्य साहस की जितनी भी तारीफ की जाए वो कम ही होगी, 11 वर्षीय राखी को 26 जनवरी के दिन दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद राष्ट्रीय वीरता पुरस्‍कार से सम्‍मानित करेंगे। तीनों सेना प्रमुखों के साथ वह मंच पर चलकर जाएगी और राष्‍ट्रपति के हाथों पुरस्‍कार प्राप्‍त करेगी। पुरस्कार को लेने के लिए राखी अपने माता पिता के साथ दिल्ली के लिए रवाना भी हो चुकी हैं।

आपको बता दे कि 11 वर्षीय राखी ने 4 अक्टूबर 2019 को अपने छोटे भाई राघव को गुलदार के हमले से अपनी जान पर खेल कर बचाया था। माँ शालिनी देवी के साथ खेतों से लौटते वक्त राखी के कंधे पर उनका छोटा भाई राघव भी था,रास्ते मे घात लगाए बैठे गुलदार ने राघव पर झपट्टा मार दिया,राखी ने अपने भाई की जान बचाने के लिए राघव को अपने सीने से लगा लिया और गुलदार से राघव को बचाने के लिए जूझने लगी।इस दौरान राखी बुरी तरह लहूलुहान हो गयी, लेकिन उन्होंने राघव को नही छोड़ा,ऐसे हमलों में किसी की भी सांस अटक जाए,पर राखी ने हौसला बनाये रखा और एक बड़ी अनहोनी होने से बचा लिया।भाई को तो राखी ने बचा लिया लेकिन खुद गुलदार के जाने के बाद बेहोश हो गयी।गुलदार से हुई भिड़ंत में राखी के सर की हड्डी फ्रेक्चर हो गयी थी,और पूरे शरीर मे गुलदार के दांतों और पंजो के निशान गढ़ गए थे।

राखी के इस साहसिक कार्य के लिये उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद की ओर से राखी का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा था।राखी अभी प्राथमिक विद्यालय देवकुंडई में कक्षा 5 में पढ़ती हैं।

उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद के संयुक्त सचिव कमलेश्वर भट्ट के अनुसार राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार लेने के लिए भारतीय बाल कल्याण की ओर से राखी के लिए ड्रेस भी बनवा ली गयी है,26 जनवरी के दिन राखी गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होंगी। गढ़वाल का ये क्षेत्र वैसे भी वीरांगना तीलू रौतेली के बहादुरी भरे किस्सों के चलते प्रसिद्ध रहा है अब इसमें एक और नाम राखी का भी जुड़ गया है। उत्तराखंड राज्य से अब तक 11 वीर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।