आखिर कौन सुनेगा इनकी पीड़ा? गांव में आजतक नहीं पहुंची सड़क! गर्भवती महिला को डंडी-कंडी के सहारे ले गए ग्रामीण, विकास के दावों की खुली पोल

कर्णप्रयाग। उत्तराखण्ड में सरकारों द्वारा भले ही विकास कार्यों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हों, लेकिन आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जो इन दावों की पोल खोलकर रख देते हैं। ऐसा ही एक मामला देवाल प्रखंड के भिड़ीगं वाण से सामने आया है, यहां सड़क सुविधा न होने के चलते आज रविवार को एक गर्भवती महिला की जान पर बन आई। दरअसल, भिड़ीगं (वाण) निवासी प्रदीप सिंह की पत्नी भारती देवी को आज प्रसव पीड़ा हुई। लेकिन सड़क मार्ग न होने के चलते ग्रामीण किसी तरह डंडी-कंडी के सहारे भारती को सड़क तक लाए, जहां से उसे निजी वाहन से देवाल अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों के मुताबिक भिड़ीगं तोक तक तीन किमी सड़क स्वीकृत है, लेकिन आज तक यहां सड़क का कार्य शुरू नहीं हो पाया, जिसके चलते आज भी गंभीर रूप से बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं को डंडी-कंडी के सहारे सड़क मार्ग तक ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि आज भी क्षेत्र की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए इंतजार कर रही है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा लगातार क्षेत्र की उपेक्षा की जाती है। ग्रामीणों के मुताबिक आपातकालीन स्थिति और गर्भवतियों को प्राथमिक उपचार के लिए 45 किमी दूर देवाल जाना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि वाण गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुलना चाहिए, जिससे आने वाली राजजात यात्रा में श्रदालुओं को भी दिक्कत न हो पाए।