उत्तराखण्डः ‘माउंट एवरेस्ट’ की चढ़ाई कर लौटे मोहन रावत! उत्तरकाशी में हुआ भव्य स्वागत

उत्तरकाशी। ऐतिहासिक माउंट एवरेस्ट पर जनपद के सीमांत क्षेत्र अस्सी गंगा घाटी अगोड़ा निवासी युवा समर्पित वरिष्ठ प्रशिक्षक मोहन रावत ने 18 मई को सफलतापूर्वक चढ़ाई की। जनपद पहुंचने पर क्षेत्र के लोगों ने मोहन सिंह रावत का काशी विश्वनाथ से कलेक्ट्रेट तक स्वागत किया। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के सौजन्य से यह उपलब्धि टीएसएएफ के लिए एक और मील का पत्थर है। बता दें 1984 में बरसाली नाकुरी गांव की बछेंद्री पाल की ऐतिहासिक चढ़ाई के बाद से अब तक 13 सफल एवरेस्ट पर्वतारोहियों का समर्थन और प्रशिक्षण किया है।
उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी तक का उनका सफर उस साहस, अनुशासन और साहस की भावना को दर्शाता है जिसे हम बढ़ावा देना चाहते हैं। यह इस बात की एक शक्तिशाली याद दिलाता है कि दृढ़ता और उद्देश्य के साथ क्या हासिल किया जा सकता है। मोहन की उपलब्धि जमीनी स्तर की प्रतिभाओं को प्रेरित करने और साहसिक कार्य और अन्वेषण के माध्यम से मानव क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है। उत्तरकाशी के अगोरा गांव से आने वाले मोहन एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। उन्होंने राफ्टिंग गाइड के रूप में काम किया है और अपना खुद का व्यवसाय चलाते थे। मोहन ने बताया कि 10 अप्रैल, 2025 को भारत से अपनी यात्रा शुरू की। काठमांडू में शुरुआती परमिट में देरी के बावजूद वह खुंबू क्षेत्र से होते हुए 3 मई को एवरेस्ट बेस कैंप (17,500 फीट) पर पहुंच गए। 18 मई को सुबह-सुबह शिखर पर पहुंचे और नीचे उतरने से पहले लगभग 15 मिनट शिखर पर रहे। उनके साथ अनुभवी शेरपा गाइड लखपा शेरपा थे और नेपाल स्थित आउटफिटर एशियन ट्रेकिंग ने उनका साथ दिया। उत्तरकाशी पहुंचे और सरकारी अधिकारियों, नेताओं और क्षेत्र के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।