उत्तराखण्डः राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप कलस्टर विद्यालय स्थापित करने का फैसला! एक ही छत के नीचे छात्र-छात्राओं को मिलेगी बेहतर शिक्षा व सुविधा

Uttarakhand: Decision to establish cluster schools in line with National Education Policy! Students will get better education and facilities under one roof

देहरादून। राज्य सरकार ने विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के दृष्टिगत प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप कलस्टर विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस योजना का मकसद कलस्टर विद्यालय को हब के रूप में विकसित कर आसपास के कम छात्र संख्या व संसाधनों की कमी वाले विद्यालयों को इसमें विलय करना है, ताकि एक ही छत के नीचे कक्षा-6 से लेकर कक्षा-12 तक के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा व सुविधा उपलब्ध की जा सके। राज्य सरकार ने कलस्टर विद्यालय योजना को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत सरकार ने रूद्रप्रयाग जनपद के चयनित तीन विद्यालयों को कलस्टर विद्यालय बनाने के लिये 7 करोड़ 48 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी है। स्वीकृत धनराशि से इन विद्यालयों में कक्षा-कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, स्टॉफ कक्ष, प्रधानाचार्य कक्ष, कार्यालय कक्ष, प्रयोगशाला, आर्ट एंड क्राफ्ट कक्ष, शौचालय ब्लॉक व सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जायेगा। प्रथम चरण में विपरीत भौगोलिक परिस्थिति वाले पांच जनपदों में एक-एक कलस्टर आवासीय विद्यालय बनाये जायेंगे, ताकि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। 

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सांस्कृतिक लोक विरासत और महान विभूतियों के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की पहल शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत इससे संबंधित सामग्री को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मंजूरी दी है। प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत राज्य की सांस्कृतिक लोक विरासत, गौरवशाली इतिहास और महान विभूतियों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस निर्णय को सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है। अब नौनिहाल अपनी संस्कृति और इतिहास को पाठ्यक्रम के माध्यम से पढ़ पाएंगे। इस कदम के तहत राज्य की अगली पीढ़ी अपने इतिहास और सांस्कृतिक महत्व से अनजान नहीं रहेगी। इसके लिए हमारी विरासत एवं विभूतियां नामक पुस्तक को सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में शामिल किया गया है। यह पुस्तक कक्षा 6 से 8 के छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पढ़ाई जाएगी।