उत्तराखंड निकाय चुनाव: प्रत्याशियों के टिकट आवंटन के बाद कांग्रेस और भाजपा में मचा घमासान,बगावत पर उतरे नेता

उत्तराखंड के जिले में निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कांग्रेस-भाजपा के दावेदारों में असंतोष दिखाई दे रहा है। आरोप यहां तक लग रहे हैं कि धन-बल के आधार पर टिकट आवंटित हुए हैं। वही रुद्रप्रयाग जिले में कांग्रेस नेता संतोष रावत ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, जबकि भाजपा नेता लक्ष्मण कप्रवाण ने पार्टी जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है। ऐसे में जहां दावेदारों ने बगावत शुरू कर दी है,वहीं भाजपा-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
नगर पालिका रुद्रप्रयाग से दो बार सभासद रहे और कांग्रेस नेता संतोष रावत ने टिकट ना मिलने पर वो नाराज हैं। पार्टी ने अध्यक्ष सीट के लिए संतोष रावत का टिकट काटकर दीपक भंडारी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इसके बाद से संतोष रावत ने बगावती तेवर अपनाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस के संतोष ने पार्टी पदाधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पार्टी की जड़ों को कमजोर करने का काम कर रहा है। पन्द्रह सालों के संघर्ष को दरकिनार करते हुए ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया जो धन-बल से प्रभावशाली है। उन्होंने कहा कि उनके समर्थकों में पार्टी के प्रति गहरा आक्रोश बना हुआ है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़कर हारने वाले कांग्रेस नेता आज पार्टी में हावी हो चुके हैं। ये पार्टी को चलाकर बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। ऐसे नेता कभी भी विपक्ष की भूमिका में नजर नहीं आए, जबकि पार्टी शीर्ष नेताओं को भ्रमित करते हुए कमजोर दावेदारों को टिकट दिलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक पर भी गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस नेता संतोष रावत ने कहा कि उनके समर्थक चाहते हैं कि वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ें। समर्थकों के फैसले को देखते हुए वे निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। वहीं इस सीट पर भाजपा में भी गुटबाजी सामने आई है। भाजपा के निवर्तमान सभासद लक्ष्मण कप्रवाण ने जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है। पार्टी ने यहां चंद्रमोहन सेमवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा नेता कप्रवाण ने जिलाध्यक्ष को भेजे इस्तीफा में कहा कि वे पार्टी के सक्रिय सदस्यों में हैं और पार्टी ने उन्हें टिकट ना देकर निष्ठावान कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। पार्टी को अपने इस निर्णय के लिए आगामी भविष्य में पछताना पड़ेगा। इसके साथ ही इस सीट पर पूर्व में निर्दलीय प्रत्याशी अशोक चौधरी के भी चुनाव लड़ने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए राह आसान नहीं मानी जा सकती है। बता दें कि रुद्रप्रयाग नगर पालिका में वोटरों की संख्या लगभग साढ़े सात हजार है, जिसमें वोटिंग पांच से छः हजार के बीच वोटिंग मानी जाती है। ऐसे में यहां प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला रहने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।