उत्तराखण्डः कूड़ा बीनने वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाने का मामला! हाईकोर्ट ने शहरी विकास निदेशक को रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में कूड़ा बीनने वाले लोगों व उनके बच्चों को सरकार के द्वारा जारी सरकारी योजनाओं का लाभ नही दिए जाने के मामले पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से कहा है कि कूड़ा बीनने वालों व इनके बच्चों के कल्याण के लिए एक प्लान बनाकर 2 जनवरी तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 2 जनवरी की तिथि नियत की है। बीते रोज हुए आदेश पर आज निदेशक शहरी विकास कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुईं। उनके द्वारा कहा गया कि एक सर्वे के मुताबिक प्रदेश में 549 कूड़ा बीनने वाले लोग हैं। उनमें से कई के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड वोटर आईडी है और वे कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। जिसपर कोर्ट ने सरकार से कहा है कि इनके उत्थान के लिए एक रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में प्रस्तुत करें। बता दें कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपनी एक सर्वे रिपोर्ट में पाया था कि उच्च न्यायालय व अन्य जिला विधिक प्राधिकरणों की रिपोर्ट के अनुसार कूड़ा बीनने वालों को जरूरी सामान व उनके बच्चों को राज्य व केंद्र सरकार के द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का सहारा नही मिल रहा है। जिसकी वजह से उनके बच्चे वही काम करते आ रहे हैं जिससे उनका मानसिक व बौद्धिक विकास नही हो पा रहा है। इसलिए उन्हें भी केंद्र व सरकार की तरफ से जारी सभी योजनाओं का लाभ दिया जाए। जैसे आम नागरिकों को मिल रहा है। ताकि उनके बच्चों को वह कार्य नही करना पड़े। उनके बच्चों का भी विकास होना अति आवश्यक है। क्योंकि वे हमारे समाज के अहम हिस्से से जुड़े हुए हैं। क्योंकि वे एक सच्चे पर्यावरण मित्र भी हैं। कम से कम सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके।