जहरीली कफ सिरपः अबतक 13 बच्चों की मौत, देशभर में मचा हड़कंप! मध्य प्रदेश में डॉक्टर गिरफ्तार, स्वास्थ्य महकमा अलर्ट! कई राज्यों में कोल्डरिफ बैन

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। इसको लेकर जहां स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है, वहीं लोगों की चिंता भी बढ़ गयी है। इधर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप के निर्माता कंपनी के खिलाफ सबसे गंभीर अपराधों के तहत सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। इधर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और औषधि नियंत्रकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करने वाले हैं, जिसमें कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग और दवाओं की गुणवत्ता पर चर्चा होगी।
वहीं मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से जुड़ी 11 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। शनिवार देर रात डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया, जिन्होंने मृतकों में अधिकांश बच्चों को यह सिरप लिखा था। इससे पहले शनिवार को परासिया थाने में डॉक्टर सोनी और कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली एसरेसन फार्मास्यूटिकल्स के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। यह केस ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27(ए) बीएनएस की धारा 105 और 276 के तहत दर्ज किया गया। परासिया सीएचसी के बीएमओ अंकित सहलाम की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई। लैब रिपोर्ट में पाया गया कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 48.6 प्रतिशत थी, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।
इधर राजस्थान के जयपुर में शनिवार को छह वर्षीय बच्चे अंश की मौत हो गई, जो चूरू से जेके लॉन अस्पताल रेफर किया गया था। परिवार का दावा है कि बच्चे को घर पर कफ सिरप दिया गया था, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। राजस्थान की दो मौतें भरतपुर और सीकर में हुईं, जहां आरोप है कि सरकारी अस्पतालों की मुफ्त दवा योजना के तहत कफ सिरप दिया गया था। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि जांच में सिरप सुरक्षित पाया गया।