हद हो गईः हेलमेट नहीं पहना तो भेज दिया 10 लाख रुपए का चालान! देखते ही शख्स को आया चक्कर, महीनों से काट रहा पुलिस और कोर्ट के चक्कर

This is too much: A challan of 10 lakh rupees was sent for not wearing a helmet! The person got dizzy on seeing it, has been doing rounds of police and court for months

नई दिल्ली। अहमदाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, यहां एक वाहन चालक को हेलमेट न पहनने पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से 10 लाख 500 रुपए का चालान मिला, जिसको देखकर शख्स के पैरों तले जमीन खिसक गयी। अब इस मामले के समधान को लेकर शख्स महीनों से कोर्ट और पुलिस के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पाया है। 

जानकारी के अनुसार अहमदाबाद के वस्त्राल निवासी अनिल नरोड़ा स्थित लॉ कॉलेज में पढ़ाई करते हैं और घर खर्च चलाने के लिए अपने घर से कुछ दूरी पर पान का गल्ला चलाते हैं। अनिल के मुताबिक 11 अप्रैल, 2024 को शाम को वह अपनी एक्टिवा जीजे27 डीएल 3277 से शांतिपुरा चौराहे से गल्ले के लिए सामान ले जा रहे थे। तभी ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोका और ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की। जांच के बाद पुलिस ने उन्हें जाने दिया, लेकिन गल्ले पर पहुंचते ही उनके मोबाइल पर 500 रुपए के चालान का मैसेज आया। अनिल ने तुरंत पुलिसकर्मियों से संपर्क किया और पूछा कि बिना बताए चालान क्यों काटा गया? उनका कहना था कि अगर दंड करना था तो उसी वक्त बता देते, वह राशि भर देते। पुलिसकर्मियों ने चालान लेने से इनकार करते हुए ऑनलाइन भुगतान करने को कहा। बाद में पता चला कि चालान की राशि 10,00,500 रुपए है। 

अनिल ने बताया कि वह इस गलत चालान को ठीक करने और दंड भरने के लिए अहमदाबाद के घी कांटा और मिर्जापुर कोर्ट कई बार जा चुके हैं। कोर्ट कर्मियों ने पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी। इसके बाद अनिल अपने पिता कालू हड़िया के साथ शाहीबाग स्थित पुलिस कमिश्नर कार्यालय गए और ई-चालान विभाग से चालान रद्द करने की गुहार लगाई। पुलिसकर्मियों ने नियमों का हवाला देकर ईमेल के जरिए आवेदन करने को कहा। अनिल ने ईमेल कर दिया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं मिला। गारमेंट व्यापारी अनिल के पिता कालू हड़िया ने कहा कि हेलमेट न पहनने का दंड नियम के अनुसार 500 रुपए होना चाहिए था, जिसे हम उसी वक्त भरने को तैयार थे। लेकिन 10,00,500 रुपये का चालान देखकर हम हैरान हैंण् हम कोर्ट और पुलिस के चक्कर काट रहे हैं, पता नहीं यह समस्या कब हल होगी।