ये वो भारत है जहां एक द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ तो महाभारत हो गया...! विजयादशमी पर संघ प्रमुख का सम्बोधन, बोले- दुर्बल रहना अपराध है, हिन्दू समाज को समझ में आना चाहिए

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज विजयादशमी के मौके पर स्वयंसेवकों को सम्बोधित कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने नागपुर के रेशम बाग मैदान में ‘शस्त्र पूजन’ किया। संघ प्रमुख के संबोधन से पहले आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पथ संचालन किया। इस दौरान स्वयंसेवक पारंपरिक गणवेश में बैंड के साथ परेड निकालते हुए नजर आए। अपने सम्बोधन में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आरएसएस 100 साल का होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वार्थ और अहंकार को लेकर विश्व में कई संघर्ष हो रहे हैं। लेकिन भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश का परचम हर क्षेत्र में लहरा रहा है। जम्मू कश्मीर चुनाव शांति से हुआ और भारत की दुनिया में साख बढ़ी है। वसुधैव कुटुंबकम को दुनिया मान रही है।
उन्होंने कहा कि अभी गणेश उत्सव के दौरान विसर्जनों पर पथराव हुआ, क्यों हुआ कोई कारण नहीं था। ऐसे में प्रशासन को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। कई जगह लिया भी गया, कई जगह नहीं भी हुआ। गुंडागर्दी नहीं चलनी चाहिए, किसी को भी चलाने नहीं देनी चाहिए। अपने अधिकार की रक्षा करना अपना अधिकार है। पुलिस प्रशासन का काम है रक्षा करना, लेकिन उससे पहले भी अपनों की मदद करना कर्तव्य है। मैं ये वर्णन किसी को डराने के लिए नहीं कर रहा हूं। ये परिस्थिति है, हमें ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि भारत वर्ष में इस प्रकार मन वचनों पर कुप्रभाव हो रहा है। कोई बात छिपती नहीं है। बच्चों के हाथ पर भी मोबाइल है। वो क्या देख रहे हैं इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि व्यवस्था पर भी जरूरी है। इसके कुपरिणाम भी हैं। कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है।
उन्होंने कहा कि भारत वो देश है जहां एक द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ तो महाभारत हो गया। सीता हरण हुआ तो रामायण हो गया। आरजी कर अस्पताल में क्या हुआ? वो लज्जित करने वाला हो गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वो अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है। उन्होंने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है, भारत आगे ना बढ़े ऐसा चाहने वाली शक्तियां भी दुनिया में हैं। भारत को दबाने के लिए वह तरह तरह के प्रयास करेंगे, चालें चलेंगे और ऐसा हो भी रहा है। हम सबको मदद करते हैं। शत्रुता करने वालों को भी आवश्यकता में मदद करते हैं। ऐसा स्वभाव दुनिया में नहीं है। इसलिए भारत आगे बढ़ रहा है। कोई भी देश जो आगे बढ़ रहा है उसकी राह में अडंगा लगाने वाले लोग भी होते हैं। इसलिए दूसरे देशों सरकारों को कमजोर करना दुनिया में चलता रहता है।