केदारनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर यात्रा सचिव ने ली अधिकारियों की बैठक! इस बार पैदल यात्रा मार्ग पर पशु चिकित्सकों की टीम करेगी निगरानी

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में देश-विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए यात्रा में शामिल होंगे। ऐसे में यात्रा को सफल, सुचारु, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए शासन-प्रशासन युद्धस्तर पर जुटा है। शनिवार को जिला सभागार में यात्रा तैयारियों को लेकर केदारनाथ यात्रा के प्रभारी सचिव युगल किशोर पंत ने बैठक ली। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, शौचालय, पार्किंग, कूड़ा निस्तारण, सड़क मरम्मत, चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा एवं स्वच्छता से संबंधित सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध रूप से पूरी हो जानी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से घोड़ा-खच्चरों के स्वास्थ्य, भोजन एवं विश्राम के लिए नियमित निरीक्षण एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी तीर्थयात्री यात्रा के दौरान असुविधा का अनुभव न करें और वह बाबा केदारनाथ से दिव्य अनुभूति और सकारात्मक यादें लेकर लौटें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि वे सभी विभागीय कार्यों का समन्वयपूर्वक संचालन करें, ताकि किसी प्रकार का ‘मिस कोऑर्डिनेशन’ न हो और यात्रा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित होती रहे। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐेसे में सभी विभाग आपसी समन्वय और तत्परता के साथ अपने कार्यों का निष्पादन समयबद्ध तरीके से करें ताकि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या असुविधा ना हो।
समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा मार्ग की निगरानी और व्यवस्थाओं की देख-रेख को लेकर सिरोबगड़ से लेकर सोनप्रयाग तक एक जोनल मजिस्ट्रेट, सात सेक्टर एवं सात सब मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। ये अधिकारी मार्ग की सफाई, शौचालयों की व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति, आपदा प्रबंधन, यातायात संचालन और यात्री सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के ठहराव को लेकर गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के टेंट, होटलों एवं प्री-फेब्रिकेटेड संरचनाओं में आवास की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त खाद्यान्न आपूर्ति हेतु विभिन्न पड़ावों पर गोदाम स्थापित किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर कार्यरत घोड़ा-खच्चरों के लिए पेयजल, विश्राम, भोजन एवं रात्रि विश्राम की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इन पशुओं की चिकित्सा जांच के लिए चिकित्सकों की विशेष टीम गठित की गई है। यह टीम यात्रा काल के दौरान लगातार पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी करेगी, जिससे किसी प्रकार की पशुजन्य बीमारियों से बचा जा सके। जहां-जहां सड़कें क्षतिग्रस्त थी, वहां मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कुछ भूस्खलन संभावित क्षेत्रों का ट्रीटमेंट कार्य किया जा चुका है, जबकि शेष स्थानों पर कार्य प्रगति पर है। यात्रा मार्गों को रात में भी सुरक्षित बनाने हेतु सोलर स्ट्रीट लाइट्स एवं बैटरी युक्त सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं, जिससे ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राम प्रकाश ने जानकारी दी कि यात्रा मार्ग पर कुल 19 चिकित्सा इकाइयां स्थापित की गई हैं। जहां पर चिकित्सकों की तैनाती की गई है, जो 24 घंटे तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त यात्रा मार्गों पर एम्बुलेंसों की तैनात की गई हैं, जो आपातकालीन स्थिति में त्वरित सेवा देने के लिए तैयार रहेंगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीमों को आवश्यक चिकित्सा उपकरणों के साथ विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, जिला विकास अधिकारी अनीता पंवार, पुलिस उपाधीक्षक विकास पुंडीर, उप जिलाधिकारी आशीष घिल्ड़ियाल, भगत सिंह फोनिया, अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण, लोनिवि इंद्रजीत बोस, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा, परियोजना प्रबंधक उरेड़ा राहुल पंत, जिला युवा कल्याण अधिकारी वरद जोशी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र महेश प्रकाश, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।