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पथराव और लाठीचार्ज की घटना के बाद आज तीसरे दिन खुला बाजार! धारा 163 के उल्लंघन पर तीन लोग गिरफ्तार

The market opened for the third day today after the stone pelting and lathi charge incident! Three people arrested for violating section 163

उत्तरकाशी में करीब 55 साल पुरानी मस्जिद को हटाने को लेकर विवाद छिड़ गया था। वहीं शहर में मस्जिद के खिलाफ एक समुदाय के धार्मिक संगठन की जनाक्रोश रैली को हल्के में लेना पुलिस-प्रशासन को भारी पड़ गया। बवाल में पुलिस ने आठ नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। 

उत्तरकाशी में पथराव और लाठीचार्ज की घटना के बाद आज शनिवार को तीसरे दिन बाजार खुले। वहीं काली कमली धर्मशाला में बैठक और प्रेस वार्ता बुलाने वाले एक समुदाय के धार्मिक संगठन के तीन पदाधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। धारा 163 के उल्लंघन का मामले में गिरफ्तार होने वालों में जितेंद्र सिंह, सोनू नेगी और सूरज डबराल शामिल। उक्त तीनों पर पुलिस ने बवाल करने के मामले में भी पहले से मुकदमा दर्ज किया हुआ है। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल की जिला इकाई के अध्यक्ष सुभाष बडोनी ने गंगा यमुना घाटी के व्यापारियों की एकजुटता के लिए उनकी सरहाना की है। इसके साथ ही दिवाली के त्योहार को देखते हुए आज से दिवाली तक सभी इकाईयों में साप्ताहिक बंदी पर भी अपने प्रतिष्ठान खुला रखने को कहा। शहर में मस्जिद को लेकर विवाद की शुरूआत दो माह पूर्व उस समय हुई, जब एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने करीब 2 नाली जमीन पर बनी मस्जिद को अवैध बताते हुए मोर्चा खोला। गत माह 6 सितंबर को इस संगठन ने शहर में अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ जुलूस प्रदर्शन किया, लेकिन उसमें भी मस्जिद के खिलाफ नारेबाजी हुई। उसी दिन मस्जिद के खिलाफ अक्तूबर माह में जनाक्रोश रैली का कार्यक्रम तय कर दिया गया था।

वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसे उत्तरकाशी शहर के बाड़ाहाट क्षेत्र में मस्जिद का निर्माण वर्ष 1969 में हुआ था। इसके लिए करीब 4 नाली और 15 मुठ्ठी भूमि एक समुदाय के व्यक्ति ने दूसरे समुदाय के सात लोगों को बेची थी, बाद में वर्ष 2005 में इस मस्जिद की जमीन का दाखिला खारिज किया गया। लेकिन गत सितंबर माह में इस मस्जिद को लेकर विवाद शुरू हुआ। एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने मस्जिद को अवैध बताते हुए जिला प्रशासन से इस संबंध में सूचनाधिकार में जानकारी मांगी। जिला प्रशासन से आरटीआई में मिली जानकारी में संगठन ने इसे अवैध बताना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में जिला प्रशासन ने अधूरी जानकारी देने की बात कहते हुए पूरी जानकारी देने की बात कही। इस बीच दूसरे समुदाय के लोगों ने भी मस्जिद के संबंध में जमीन से जुड़े दस्तावेज जिला प्रशासन को सौंपे। इसके बाद कुछ समय तक विवाद शांत हो गया था। फिर अक्तूबर में प्रस्तावित जनाक्रोश रैली का समय निकट आते हुए यह विवाद बढ़ने लगा, जिसके बाद गत 21 अक्तूबर को जिला प्रशासन ने दोबारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मस्जिद को सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बने होने की भ्रामक जानकारी प्रसारित करने को लेकर स्थिति स्पष्ट की।प्रशासन का कहना था कि ये मस्जिद सरकारी भूमि नहीं, बल्कि निजी जमीन पर निर्मित है। जो कि उत्तरप्रदेश सरकार के मुस्लिम वक्फ विभाग के सरकारी गजट में भी अनुसूचित है, लेकिन विरोध कर रहे संगठन ने इसे मानने से इंकार कर दिया।


विवाद से जुड़े पांच बड़े अपडेट 
उत्तरकाशी में बवाल के बाद पूरे जनपद में धारा 163 लागू की गई। 
पथराव और लाठीचार्ज की घटना के बाद अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। 
बवाल पर 208 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इनमें आठ नामजद, 200 अज्ञात शामिल हैं। 
आज दूसरे दिन भी जिला मुख्याल से यमुनाघाटी तक बाजार बंद रहे।
एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने चार नवंबर को महापंचायत बुलाई है।