रामनगर में पकड़े गए 20-20 फीट के तीन विशाल अजगर,दहशत में लोग

नैनीताल जनपद के रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग में अजगरों के निकलने का सिलसिला जारी है। 2 दिन पहले यहां 175 किलो के अजगर का रेस्क्यू किया गया था तो वहीं आज काशीपुर के धीमरखेड़ा क्षेत्र में वन विभाग ने ढाई कुंतल से अधिक वजन के 3 विशालकाय अजगरों का सफल रेस्क्यू किया है। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंचे रेस्क्यू विशेषज्ञ तालिब हुसैन ने बताया कि इनमें दो नर और एक मादा अजगर शामिल हैं। वन विभाग ने इन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है,जबकि क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।
रामनगर तराई पश्चिमी के मैदानी क्षेत्रों में अजगरों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है,बीते दो दिनों में यह दूसरी बड़ी घटना है जब वन विभाग को विशालकाय अजगरों को रेस्क्यू करना पड़ा। आज काशीपुर के धीमरखेड़ा क्षेत्र में तीन भारी-भरकम अजगरों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया, जिनका कुल वजन 2.5 कुंतल से अधिक बताया जा रहा है। सांपों के रेस्क्यू में माहिर तालिब हुसैन ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक अजगर आबादी क्षेत्र में घुस आया है। जब वे मौके पर पहुंचे तो वहां एक नहीं बल्कि तीन विशाल अजगर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इनमें दो नर और एक मादा थी। तीनों अजगरों को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ा जाएगा। ग्रामीणों ने एक साथ तीन विशाल अजगरों को देखा तो डर के कारण इलाके में हड़कंप मच गया। वन विभाग के अधिकारी राजेंद्र प्रसाद डिमरी ने बताया कि तराई पश्चिमी क्षेत्र में लगातार सांपों के निकलने की घटनाएं हो रही हैं। उनका कहना है कि सर्दियों के मौसम में सांप धूप सेंकने के लिए बिलों से बाहर निकलते हैं, जिससे ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे पहले भी दो दिन पूर्व काशीपुर क्षेत्र से 1 कुंतल 75 किलो के अजगर का रेस्क्यू किया गया था। लगातार हो रही इन घटनाओं से वन विभाग को सतर्क कर दिया गया है। ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है कि अगर वे किसी अजगर या अन्य जहरीले सांप को देखें तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें। वन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे अजगरों को देखकर घबराएं नहीं और न ही खुद उन्हें पकड़ने की कोशिश करें। यदि इस तरह की कोई घटना होती है, तो तुरंत वन विभाग या स्थानीय रेस्क्यू टीम को सूचित करें।