बर्फबारी न होने से घट रहा ‘हिमालय’! बर्फ की जगह पर दिख रहे काले पहाड़, जानकारों ने बताया ग्लोबल वार्मिंग का असर

-छाया ममगाई-
बागेश्वर। कौसानी में इन दिनों हिमालय पर्वत श्रंखला बर्फ विहीन दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले सालों इन दिनों पूरे हिमालय में बर्फ रहती थी जो धीरे-धीरे कम हो रही। जानकार इसे ग्लोबल वार्मिंग का असर मान रहे हैं। उनका मानना है कि जलवायु परिवर्तन का यह प्रभाव हिमालयी क्षेत्र के बर्फ से ढके रहने वाले इलाके पर पड़ रहा है। कौसानी से दिखने वाला पंचाचुली व नंदाकोट का क्षेत्र जो कभी बर्फ से लकदक रहता था, वहां अब काले पहाड़ दिखाई दे रहे हैं। कपकोट क्षेत्र में स्थित पिंडारी ग्लेशियर पहले जहां तक फैला हुआ था, वहां हिम रेखा पीछे खिसकने से ग्लेशियर सिकुड़ रहा है। स्थानीय निवासी किशन बोरा ने बताया कि ये पहाड़ इस समय बर्फ से सफेद हुआ करते थे, लेकिन फिलहाल उनपर केवल बर्फ की कुछ ही धारियां हैं। पिछले कई बर्षो से लगातार हिमालय की बर्फ कम हो रही है, जो चिंता का विषय बना हुआ है। कुमाऊं विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कमलेश्वर त्रिपाठी का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से जलवायु परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन की वजह से हिमालय में बर्फ कम होती जा रही है। उन्होंने बताया कि डी फारेस्टेशन और पहाड़ों में बढ़ रहे निर्माण कार्य सीमेंट रेता के ज्यादा इस्तेमाल, बढ़ती जनसंख्या, प्रमुख कारण है। उन्होंने सुझाव दिये हैं की पहाड़ों में इको फ्रेंडली घरों का निर्माण किया जाना चाहिए। बैजनाथ अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कीर्ति बताते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन से उनके अस्पताल में स्किन दीजिज, अस्थमा, एलेर्जी, सिओपीढ़ी के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। खासकर इन दिनों प्रदूषण की वजह से हार्ट व अस्थमा के मरीज ओपीड़ी मे ज्यादा बड़ रहे हैं ये एक गंभीर विषय है जिसमें हमे सोचने की जरूरत है।