उदयपुर नृशंस हत्या पर भड़के केरल के राज्यपाल, नाराज़गी जाहिर कर कहा-उदयपुर की घटना इस्लाम की शिक्षा नहीं, मदरसों में सिखाते है ईशनिंदा के जुर्म में गला काटने की सजा! कुरान नही सिखाता ये सब

The Governor of Kerala, furious over the dastardly murder of Udaipur, expressed displeasure and said - the Udaipur incident is not a teaching of Islam, it teaches in madrassas the punishment of slitt

राजस्थान के उदयपुर में बीते रोज हुए टेलर की दिल दहलाने वाले हत्याकांड के बाद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भड़कते हुए कहा कि मदरसों में पढ़ाया जा रहा है कि ईशनिंदा के जुर्म में गला काटने की सजा दी जानी चाहिए, उन्होंने भड़कते हुए ये भी कहा कि मुस्लिम कानून कुरान से नही आया ये किसी इंसान ने ही लिखा है जिसमे सिर कलम करने का कानून है और ये कानून बच्चों को मदरसों में पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि हमे उस समय और भी चिंता होती है जब लक्षण तो सामने आ जाते है लेकिन बीमारी समझने से हम इनकार कर देते है। उदयपुर में जिस तरह की घटना सामने आई है ये इस्लाम की शिक्षा नही है। अब हमें ये सोचने की ज़रूरत है कि मदरसों में पढ़ाने की ज़रूरत है भी या नही। बच्चों को बचपन मे कट्टर शिक्षा नही देनी चाहिए, उदयपुर की घटना पूरी तरह इंसान को झकझोर देने वाली है।उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तानी स्कॉलर जावेद गामदी ने मदरसों को लेकर क्या कहा है उसने कहा कि जब तक तुम मदरसों में पढ़ोगे शांति आना नामुमकिन है,14 साल के बच्चों को ऐसी शिक्षा नियमो के विरुद्ध है।

आपको बता दें कि राजस्थान में उदयपुर में बीते रोज टेलर कन्हैया का बेरहमी से गला रेत कर सरेआम कत्ल कर दिया गया था। हत्यारों में से एक ने टेलर का सिर काट दिया और दूसरे ने इसका वीडियो बनाया. बाद में जारी किए गए वीडियो में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने नूपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण इस टेलर को मार डाला. बीजेपी प्रवक्ता शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिन्हें बाद में पार्टी से निलंबित कर दिया. कथित हत्यारे रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी. बाद में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।


उदयपुर में हुए इस जघन्य अपराध के बाद अब सबसे बड़ा डर यह है कि इस तरह की घटना से भारत में लोन-वुल्फ अटैक (स्वयंभू आतंकी के रूप में किसी व्यक्ति द्वारा अंजाम दी गई घटना) की आशंका पैदा होती है. अभी तक भारत में आतंक हमले संगठित समूहों तक ही सीमित थे, उन्हें ट्रैक करना और क्रैक करना आसान था. लेकिन, लोन-वुल्फ अटैक अलग तरीके का मामला है. इसे पहचानना और ट्रैक करना एक कठिन होता है. यह अपने आप में कट्टरपंथी होता है. इसका आतंकवाद से सीधा संबंध नहीं है और इसमें अचानक एक सॉफ्ट टारगेट पर हमला किया जाता है।