आदर्श चंपावत की हकीकतः बीमार महिला को डोली के सहारे सड़क तक लाए ढुंगाबोरा के ग्रामीण! बरसों से कर रहे सड़क का इंतजार, कौन सुनेगा पुकार?

Reality of Adarsh ​​Champawat: Villagers of Dhungabora brought the sick woman to the road with the help of a doli! We have been waiting for the road for years, who will listen to our call?

लोहाघाट। आजादी के 76 साल बाद भी लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत चौडला ग्राम का ढुंगाबोरा तोक सड़क सुविधा से महरूम है। रविवार को गांव की महिला दुर्गा देवी का अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया। गांव में सड़क न होने से बीमार महिला को ग्रामीण डोली के सहारे 4 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पर दिगालीचौड़ तक लाए, जहां से वाहन के जरिए 25 किलोमीटर दूर उपचार के लिए लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। वहीं डॉ. अमर सिंह कोटियाल व पूर्व प्रधान हरि सिंह आदि ने बताया कि ढुंगाबोरा आज तक सड़क सुविधा से महरूम है। बीमार व गर्भवती महिलाओं को डोली के सहारे इसी तरह सड़क तक लाना पड़ता है। लंबे समय से ग्रामीण सरकार से सड़क की मांग कर रहे हैं पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। डॉक्टर कोटियाल ने कहा कि सड़क न होने से क्षेत्र से लगातार पलायन हो रहा है। 30 से 35 परिवार ही अब गांव में बचे हुए हैं। अगर जल्द सड़क नहीं बनी तो यह परिवार भी पलायन को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि गांव के अधिकतर युवा रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों में चले गए। अब डोली को ढोने के लिए भी ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़क न होने से ग्रामीण अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक नहीं ला पाते हैं। डॉक्टर कोटियाल व ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासन से गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में गाड़ी का आना उनके लिए एक सपना है। कई लोग गाड़ी का गांव में आने का इंतजार करते-करते स्वर्ग सिधार गए। ग्रामीणों ने कहा आज दुनिया चांद पर पहुंच गई है पर हम लोग जहां थे आज भी वहीं हैं। जो कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री तक उनकी बात पहुंच रही है तो वह उनकी मांगों का संज्ञान लें और गांव को सड़क सुविधा से जोड़ें। वहीं इस प्रकार की तस्वीर आदर्श जिला चंपावत की हकीकत बयां करती है।