कुदरत का कहरः उत्तराखण्ड-हिमाचल में बारिश ने मचाई तबाही! बादल फटने से 11 लोगों की मौत, तबाही का मंजर देख सहम उठे लोग
नई दिल्ली/देहरादून। देश के कई राज्यों में हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश हो रही है। इस दौरान जहां मैदानी इलाकों में जलभराव से परेशानी बढ़ती जा रही है। वहीं पहाड़ों पर बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से खासा नुकसान पहुंच रहा है। हिमाचल में कुल्लू और शिमला जिले के करीब बादल फटा है, इसमें करीब 44 लोग लापता बताए जा रहे हैं और 9 लोगों की मौत हो गई है। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल और केरल के वायनाड में भी बादल फटने की घटना हुई है। हिमाचल प्रदेश के दो जिलों में बादल फटने से भारी तबाही की खबर है। बादल फटने की घटना कुल्लू और मंडी जिले में हुई है। कुल्लू के रामपुर क्षेत्र के समेज स्थित एक पॉवर प्लांट प्रोजेक्ट के कई लोग बादल फटने के बाद से लापता हैं। 20 से ज्यादा मकान जमींदोज हो गए हैं और कई गाड़ियां बह गईं हैं, इलाके का स्कूल भी बाढ़ में बह गया। वहीं मंडी जिले में बादल फटने के बाद एक शव बरामद हो चुका है जबकि कई लापता हैं। मंडी जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स को अलर्ट किया है। मौके पर मौजूद स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं।
उत्तराखंड में मंगलवार से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। टिहरी में पहले भारी बारिश हुई और उसके बाद बादल फट गया, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई। केदारनाथ मार्ग पर भी बादल फटा और नेशनल हाईवे का एक हिस्सा सैलाब की भेंट चढ़ गया। इससे केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को भी भारी नुकसान हुआ है। रामबाड़ा से लिनचोली के बीच जगह जगह पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है. रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर स्थित दो पुल बह गए। ये पुल पुराने मार्ग पर स्थित थे। इस मार्ग को यात्री और घोड़े संचालक शॉर्टकट रास्ते के रूप में उपयोग करते थे। कल रात की बारिश में मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में ये पुल बह गए। इसके अलावा हरिद्वार, नैनीताल और बागेश्वर से भी जल प्रलय की तस्वीरें सामने आ रही हैं। टिहरी जिले के घंसाली केदारनाथ मोटर मार्ग पर जखनियाली के पास बादल फटने से दो लोग मलबे में जिंदा दफन हो गए और एक अन्य लापता है।