नैनीतालः कीवी एवं उद्यमिता विकास पर कार्यशाला आयोजित! वक्ता बोले- कीवी उत्पादन के लिए बेहतर है उत्तराखण्ड का वातावरण

नैनीताल। उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद, हल्दी के क्षेत्रीय केन्द्र, पटवाडांगर में परिषद एवं ग्राफिक ऐरा हिल यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कीवी एवं उद्यमिता विकास पर हैंड्स-आन प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम का शुभारंभ परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार, मुख्य अतिथि एसएसजे विवि अल्मोड़ा के कुलपति डॉ. सतपाल सिंह बिष्ट, डॉ. एमके नौटियाल, भवान सिंह कोरंगा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने किसानों को कीवी कृषिकरण में आगे आने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि किसान यदि कीवी की खेती करता है तो परिषद यथासंभव योगदान देने के लिए तैयार है। उन्होंने उत्तराखण्ड के वातावरण को कीवी उत्पादन के लिए बेहतर बताया।
मुख्य अतिथि डॉ. एसएस बिष्ट ने कहा कि प्रयोगशालाओं में किए जा रहे शोध कार्य का लाभ किसानों तक पहुंचने चाहिए। उन्होंने बताया कि कीवी फल में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं और यह फल कई रोगों का निवारण करता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है। कहा कि देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर है। उन्होंने सभा में मौजूद किसानों व युवा वैज्ञानिकों से उद्यमी बनने व अपना र्स्टाट अप शुरू करने का आहवान किया।
डॉ. नौटियाल ने कीवी फल के उद्गम एवं इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के किसान कीवी का उत्पादन करके पलायन जैसी समस्या से बच सकते हैं और कीवी उत्पादन को स्वरोजगार के रूप में अपना सकते हैं। उन्होंने बताया कि कीवी फल में स्वास्थ्य संबंधी लाभकारी गुण पोटेशियम, सोडियम तथा विटामिन सी व अन्य विटामिन्स व सूक्ष्म तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
प्रगतिशील किसान भवान सिंह कोरंगा ने कीवी उत्पादन के संबंध में किसानों से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक पद्धति से एवं सही जानकारी प्राप्त करके कीवी को आर्थिकी का साधन बनाया जा सकता है।
वहीं तकनीकी सत्र के अंतर्गत किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञ के रूप में डॉ. एमके राय, डॉ. नारायण सिंह बिष्ट, डॉ. एमके नौटियाल व किसानों ने प्रतिभाग किया। डॉ. नौटियाल ने किसानों को बताया कि कीवी फल के उत्पादन के लिए आवश्यक जलवायु, मृदा गुणवत्ता आदि के दृष्टिकोण से दिसंबर माह सबसे उपयुक्त है।
वहीं दूसरे तकनीकी सत्र में उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. श्रुति बत्रा, डॉ. कमल रावत, डॉ. तरूण सक्सेना, डॉ. बलवंत रावत, डॉ. मणिन्द्र मोहन ने छात्र-छात्राओं को उद्यमिता विकास की जानकारी दी। इस दौरान डॉ. संजय कुमार, डॉ. मणिन्द्र मोहन, डॉ. सुमित पुरोहित, अनुज कुमार, अनुज जॉन, सौरभ पण्डा, चंद्रशेखर सिंह, नितिन सक्सेना, अनुपम आजाद आदि मौजूद रहे।