18 सितंबर को नैनीताल के प्रसिद्ध फोटोग्राफर अमित साह के निधन को लेकर बीडी पांडे अस्पताल की लापरवाही के मामले ने सोशल मीडिया में तूल पकड़ लिया जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव आर राजेश बीडी पांडे पहुंचें। यहां अमित साह के निधन से आक्रोशित परिजन और शहर के तमाम लोगो ने बीडी पांडे जिला अस्पताल का घेराव किया और आरोप लगाया कि 18 सितंबर की देर रात जब अमित के सीने में दर्द हुआ तो परिजन अमित को बीडी पांडे इमरजेंसी ले आये,यहां ईसीजी में हाई रिस्क आया जिसकी सूचना इमरजेंसी डॉ ने हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ सुधांशु सिंह को व्हाट्सएप पर दी। उन्होंने तुरंत एंजियोप्लास्टी और कुछ चेकअप बताए साथ ही हायर सेंटर रेफर करने के निर्देश दिए। लेकिन इमरजेंसी में मौजूद डॉ ने अमित के परिजनों को अमित की तबीयत गंभीरता से नही लिया जिसके बाद परिजन अमित को घर ले गए,जबकि डॉ चाहते तो इमरजेंसी में ही रखकर लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट दे सकते थे साथ ही हायर सेंटर जाने का इंतज़ाम भी करवा सकते थे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के चलते महज ढाई घँटों के भीतर ही अमित की तबियत बिगड़ने लगी उनके शरीर ने रिस्पॉन्स करना बंद कर दिया। आनन फानन में परिजन अमित को दोबारा अस्पताल ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉ सुधांशु ने परिजनों से लापरवाही बरतने पर नाराजगी जाहिर की लेकिन परिजनों ने कहा कि उन्हें इमरजेंसी के डॉ ने अमित की सीरियस कंडीशन को गंभीरता से नही लिया और कहा कि आप हायर सेंटर सुबह ले जाना।
आज बीडी पांडे पहुंचे स्वास्थ्य सचिव आर राजेश को परिजनों ने घेर लिया और दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्यवाही करने की मांग की,वही स्वास्थ्य सचिव ने मामले में सीएमओ और पीएमएस को देहरादून तलब करने के साथ ही अमित की मौत वे मामले में जांच के आदेश दिए है। स्वास्थ्य सचिव ने अमित के परिजनों को आश्वासन दिया कि लापरवाही सामने आने पर सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।वही अमित के परिजनों और शहरवासियों ने स्वास्थ्य सचिव को तीन दिन का समय दिया है यदि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही नही की गई तो वो धरना प्रदर्शन करेंगे।