नैनीतालः मण्डलायुक्त ने किया कलेक्ट्रेट का निरीक्षण! खामियां मिलने पर जताई नाराजगी, कार्यप्रणाली में सुधार लाने के दिए निर्देश

Nainital: Divisional Commissioner inspected the Collectorate! Expressed displeasure on finding flaws, gave instructions to improve the functioning

नैनीताल। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट का वार्षिक निरीक्षण किया। उन्होंने डीएम, एडीएम कोर्ट कार्यों, पर्वतीय और मैदानी रिकॉर्ड रूम, खनन पटल, सीआरए सेक्शन सहित अन्य पटल का निरीक्षण किया। इस दौरान मिली खामियों पर नाराजगी जताई और उन्होंने संबंधित पटल सहायकों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने और अधिकारियों को नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए। साथ ही डीएम से कहा कि रिकॉर्ड रूम के एक सेक्शन को डिजिटाइज किया जाए। उन्होंने कहा कि जिले के रिकॉर्ड रूम का एक सेक्शन डिजिटाइज होगा, तो इसी तर्ज पर धीरे-धीरे सभी सेक्शन को डिजिटाइज किया जा सकेगा। 
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) कार्यालय के निरीक्षण के दौरान आयुक्त को एडीएम की कोर्ट केसों में काफी खामियां मिलीं। जिस पर उन्होंने डीएम को एडीएम और एडीएम के पेशकार को शोकॉज नोटिस जारी करने को कहा। उन्होनें कहा कोर्ट के मामलों में वादी को पर्याप्त समय देने के बाद भी वादी नहीं आ रहे हैं तो उन वादों पर अवसर समाप्त करते हुए उसका निस्तारण करना सुनिश्चित करें। एक वाद (दीवान सिंह बनाम नसरीन) जिसका 12 मई को निर्णय हो गया था और आदेश होना था किंतु अतिथि तक आदेश जारी नहीं हुए। इसी प्रकार कई वाद की ऑर्डर शीट में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर काफी समय से नहीं हो रहे हैं। आयुक्त ने एडीएम को एक माह का समय देते व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर सिस्टम में सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केस डायरी के अनुसार वादों की सुनवाई, ऑर्डर शीट में हस्ताक्षर हों। इस मामले में डीएम को एडीएम की कोर्ट को रिव्यू करने और एक माह बाद पुनः निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
आयुक्त को जिलाधिकारी कोर्ट के निरीक्षण के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित मिलीं। जिलाधिकारी कोर्ट में लंबित सभी वाद आरसीएमएस पोर्टल में दर्ज पाए गए। साथ ही ऑर्डर शीट में हस्ताक्षर भी मिले। जिलाधिकारी कोर्ट में गुण्डा एक्ट 69, 210 के 79 तथा आबकारी के 69 के केस लंबित हैं। जूनियर क्लर्क (खनन पटल) के निरीक्षण के दौरान सामने आया कि जिलाधिकारी के आदेशों के बावजूद आरसी जारी नहीं हो रही है। इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और मौके पर सम्बन्धित पटल सहायक का स्पष्टीकरण भी तलब किया। उन्होंने कहा कि चालानी कार्यवाही व आदेश जारी होने पर तय समय सीमा में धनराशि जमा कराई जाए, ताकि सरकार को राजस्व की हानि नहीं हो। रिकॉर्ड रुम में नकल के लिए आवेदन करने वालों से आवेदक का फोन नंबर, डेट और हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से आवेदन में लेने के निर्देश दिए।