मां मैने चिप्स नहीं चुराया!मै चोर नहीं हूं..दुकानदार द्वारा सार्वजनिक अपमान और मां की डांट से आहत होकर 12 वर्षीय बच्चे ने कर ली आत्महत्या!

Mom, I did not steal chips! I am not a thief.. Hurt by public humiliation by the shopkeeper and scolding by his mother, a 12 year old boy committed suicide!

कोलकाता में 12 वर्षीय लड़के ने चिप्स चोरी के आरोप और उसके बाद सार्वजनिक अपमान और सरेआम पीटने,साथ में मां की डांट से आहत होकर जान ही दे दी। जान देने से पहले लिखे गए सुसाइड नोट ने मानवता को भी झकझोर कर रख दिया।

पहले सुसाइड नोट में लिखी बातें पढ़िए।

मां मै चोर नहीं हूं। मैने चोरी नहीं की,जब मैं इंतेज़ार कर रहा था तो अंकल (दुकानदार) आसपास नहीं थे,लौटते समय मैने सड़क पर चिप्स का पैकेट पड़ा देखा तो उसे उठा लिया, मां मुझे चिप्स बहुत पसंद है,जाने से पहले ये मेरे आखिरी शब्द है। कृपया मुझे माफ कर कर दीजिएगा।


ये शब्द उस नाबालिग छात्र के थे जो सातवीं कक्षा में पढ़ता था,और उस पर एक दुकान से चिप्स का पैकेट चुराने का आरोप मढ़ा गया था। आरोप ही नहीं बल्कि उस बच्चे की सरेआम बेइज्जती की गई उसे पीटा गया उससे उठक बैठक लगवाई गई। इतना ही नहीं उसकी मां से भी चोरी की शिकायत की गई और मां ने भी बच्चे को फटकार लगा दी। इन सब बातों से बुरी तरह आहत होकर इस बच्चे ने सुसाइड नोट लिखा और अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।

ये मामला पश्चिम बंगाल के पांसकुरा का है,यहां 12 वर्षीय सातवीं कक्षा के छात्र कृष्णेंदु दास ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली, क्योंकि उस पर एक दुकान से चिप्स चुराने का आरोप लगा था। गोसाईबर बाज़ार के दुकानदार और सिविक वॉलेंटियर शुभंकर दीक्षित ने बच्चे को कथित तौर पर मारा पीटा,उठक बैठक लगवाई,अपमान किया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए मजबूर किया। इसके बाद दुकानदार ने बच्चे की मां से भी शिकायत की और मां ने भी सार्वजनिक रूप से बच्चे को भला बुरा कहा,जिससे दुःखी होकर बच्चे ने जानलेवा कदम उठाया।
जानकारी के मुताबिक बच्चे की मां की ओर से बाद में पुलिस में शिकायत की गई जिसके अनुसार उसका बेटा कृष्णेंदु दुकान से वापस आया तो पीछे पीछे दुकानदार शुभंकर भी आया,और बेटे को वापस दुकान ले गया। बेटे ने मां को बताया था कि उसने चिप्स का पैकेट दुकान के सामने पड़े ढेर से उठाया था, क्योंकि उस वक्त दुकानदार दुकान में नहीं था। 
वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार, जब शुभंकर दुकान पर नहीं थे, तब कृष्णेंदु ने चिप्स के पैकेट लिए। बाद में जब शुभंकर ने उसे चिप्स के साथ देखा, तो उसका पीछा किया और रोककर उससे सवाल किया। कृष्णेंदु ने शुभंकर को तीन चिप्स के पैकेट की कीमत 20 रुपये दे दी, जिनकी कीमत 5 रुपये प्रति पैकेट थी। शुभंकर ने उसे दुकान पर वापस लाकर 5 रुपये लौटाए, लेकिन इसके बाद कथित रूप से उसके साथ मारपीट की और उसे सबके सामने माफी मांगने पर मजबूर किया। इस मामले में कृष्णेंदु ने दुकानदार से माफी भी मांगी थी लेकिन दुकानदार ने सबके सामने उसे मारा पीटा उठक बैठक लगवाई और अपमान किया,बाद में जब दुकानदार ने मां को बुलाया तो मां ने भी बच्चे को डांटा। इसके बाद कृष्णेंदु ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और कीटनाशक खा लिया। मां ने पड़ोसियों के साथ मिलकर कमरे का दरवाजा तोड़ा तो देखा बच्चे के मुंह से झाग निकल रहे थे। और वही पास में कीटनाशक की आधी खाली बोतल पड़ी हुई थी। पास में ही एक नोट लिखा रखा था। इसके बाद बच्चे को आनन फानन में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। वही घटना के बाद शुभंकर दीक्षित फरार हो गया है।घटना के बाद इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है. स्थानीय लोग आरोपी सिविक वॉलंटियर शुभंकर दीक्षित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

इस पूरी घटना में 12 वर्षीय नाबालिग बच्चा न केवल दुकानदार के व्यवहार बल्कि अपनी मां के व्यहवार से भी मानसिक रूप से टूट गया था इसीलिए जानलेवा कदम उठाया