यादों में मनमोहनः उत्तराखण्ड से जुड़ी स्मृतियां! जब राष्ट्रीय समागम में भाग लेने नैनीताल पहुंचे थे पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, लोक संस्कृति और व्यंजनों के हुए थे मुरीद
नैनीताल। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे। गुरूवार देर रात उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृतियां नैनीताल से भी जुड़ी हैं। साल 2006 में वह बतौर प्रधानमंत्री एक राष्ट्रीय समागम में भाग लेने नैनीताल पहुंचे थे। समागम का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस शासित राज्यों के विकास और उन्हें दूसरे राज्यों के सामने आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना था। तब उत्तराखण्ड का नाम उत्तरांचल हुआ करता था। इस दौरान डॉ. मनमोहन सिंह राज्य अतिथि गृह में ठहरे थे, जहां सभी मंत्रियों के साथ उन्होंने उत्तराखण्ड के लोक व्यंजनों का स्वाद लिया था।
उत्तराखण्ड के आज तक के इतिहास में सबसे बड़ा समागम
यह समागम उत्तराखण्ड के आज तक के इतिहास में सबसे बड़ा सरकारी और राजनैतिक कार्यक्रम था, जिसमें प्रधानमंत्री, सत्ताधारी दल की अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और तमाम मुख्यमंत्री एक साथ शामिल रहे। समागम के लिए मात्र 15 दिन के भीतर उन्होंने नैनीताल में कार्यक्रम की जबरदस्त तैयारियां करवाईं। नैनीताल क्लब के शैले हॉल भवन का जीर्णोद्धार कराया, जिसमें यह कार्यक्रम हुआ। इस दौरान पूरे नैनीताल का सौंदर्यीकरण और हल्द्वानी नैनीताल मार्ग को चकाचक किया गया। दिन रात चौबीसों घंटे यहां कार्य चलता था। तत्कालीन उत्तरांचल की लोनिवि मंत्री इंदिरा हृदयेश इंदिरा हृदयेश स्वयं भी रात दो बजे तक कार्यों का निरीक्षण करती थीं। इस समागम में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, विभिन्न मंत्रियों सहित मुख्यमंत्रियों और अन्य विशिष्ट अतिथियों को अधिकांश कुमाऊंनी व्यंजन परोसे गए और स्थानीय रामलाल एंड संस से लेकर स्थानीय व्यापारियों को स्मृति चिन्ह दिए गए। तब इंदिरा हृदयेश ने सारे इंतजाम कुमाऊं के व्यवसायियों को सौंपे। भोजन की व्यवस्था नैनीताल क्लब, बलरामपुर हाउस, कुमाऊं मंडल विकास निगम, हल्द्वानी के उड़ुपिवाला, स्टैंडर्ड स्वीट्स और शमा रेस्टोरेंट से कराई गई।
कई राज्यों के सीएम और केन्द्रीय मंत्री जुटे
समागम में तत्कालीन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, महाराष्ट्र के विलासराव देशमुख, हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह, हरियाणा के भूपिंदर सिंह हुड्डा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, पंजाब के अमरिंदर सिंह, केरल के ओमान चांडी, मणिपुर के ओकराम इबोबी, असम के तरुण गोगोई, कर्नाटक के धर्मसिंह, मेघालय के जेडी रिम्बाई, अरुणाचल प्रदेश के गेगांग अपांग, पुडुचेरी के एन रंगास्वामी शामिल थे। इनके अलावा पी. चिदंबरम सहित अनेक केंद्रीय मंत्री भी समागम में शामिल हुए थे।