कुमाऊं यूनिवर्सिटी न्यूज़:कुलपति ने भीमताल स्थित जैव प्रौद्योगिकी विभाग में उपलब्ध करवाई अनुसंधान प्रयोगशाला!राज्य वृक्ष बुरांश के संरक्षण के लिए टिश्यू कल्चर से उगाए जा रहे हैं पौधे,कुविवी में अब विद्यार्थियों को मिलेगी ई बुक्स की सुविधा

Kumaon University News: Vice Chancellor made research laboratory available in the Department of Biotechnology located in Bhimtal! Plants are being grown through tissue culture for the conservation of

कुमाऊं विश्वविद्यालय कुलपति प्रो दीवान एस रावत ने गुरुवार को भीमताल परिसर के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि एक सहकर्मी को कई वर्षों से निर्देश देने के बावजूद अनुसंधान प्रयोगशाला उपलब्ध नहीं करवाई गई थी,जिसके बाद कुलपति द्वारा नाराज़गी जताई गई और तुरंत अनुसंधान प्रयोगशाला आवंटित की गई। 

 

निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रो दीवान एस रावत ने बताया कि उत्तराखंड का राज्य वृक्ष होने की वजह से बुरांश का एक अलग महत्व है,प्रदेश में राज्य वृक्ष की प्रजातियों की संख्या बढ़ाने और इसके संरक्षण के लिए बुरांश को यहां ऊतक संवर्धन (Tissue Culture)के माध्यम से उगा रहे हैं क्योंकि उसका बीज अत्यंत छोटा होता है,और ऊतक संवर्धन यानी कि टिश्यू कल्चर एक जानी पहचानी तकनीक है जिससे बड़ी संख्या में एक ही गुणधर्म वाले पौधे तैयार किये जाते हैं,इससे कम समय मे बुरांश की तादात बढ़ाई जा सकेगी।

 

कुलपति प्रो दीवान एस रावत ने बताया कि हमने ऑनलाइन मूल्यांकन के लिए एक पायलट परियोजना भी शुरू की है और आज उस केंद्र का भी दौरा किया गया। उन्होंने ये भी कहा कि इसके अलावा हम अपने कॉलेज के सभी विद्यार्थियों को ई पुस्तकें प्रदान करेंगे और उत्तराखंड में ऐसा करने वाला कुमाऊं विश्वविद्यालय पहला विवी होगा। 

 

कुलपति प्रो दीवान एस रावत ने ये भी कहा कि हमारी प्राथमिकता शिक्षण अधिगम पद्धतियों में निरंतर सुधार, वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग है। कुमाऊं विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए शिक्षाविदों, अनुसंधान, नवाचार, ऊष्मायन, उद्यमिता और विस्तार कार्य को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने का इरादा रखता है।

 

छात्र को एक अनुकूल वातावरण में समग्र विकास और सर्वांगीण विकास मिलेगा। पाठ्येतर, खेल और अन्य समान गतिविधियाँ कुमाऊं विश्वविद्यालय के अनुभव के आवश्यक तत्व हैं जो छात्रों को उनकी शैक्षणिक गतिविधियों से कहीं अधिक सफल होने में मदद करते हैं।