कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का जनता दरबार: महिला से 10 लाख की धोखाधड़ी मामले में प्रारंभिक जांच, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

Kumaon Commissioner Deepak Rawat's public court: Preliminary investigation in the case of fraud of Rs 10 lakh from a woman, strict action will be taken against the culprits

कुमाऊं आयुक्त व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत द्वारा शनिवार को कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में जनता मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर तथा उधम सिंह नगर जिलों से आए नागरिकों की विभिन्न समस्याएं सुनी गईं। कार्यक्रम में सर्वाधिक मामले भूमि धोखाधड़ी से संबंधित रहे, जिनमें रजिस्ट्री, कब्जा, चेक बाउंस जैसी समस्याएं शामिल थीं। रुद्रपुर के एक बिल्डर के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें भुगतान के बावजूद रजिस्ट्री न करना, रजिस्ट्री के बाद कब्जा न देना, और बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न कराना शामिल था। आयुक्त ने बिल्डर को शिकायतों का शीघ्र समाधान करने और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। 

जनसुनवाई में हल्द्वानी की महिला, भगीरथी जोशी, के साथ वित्तीय धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें उन्हें 10 लाख रुपये के एवज में ठगा गया। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि इस धोखाधड़ी में एक संगठित गिरोह संलिप्त है, जिसमें हल्द्वानी के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, एक बैंक के मैनेजर सुनील कुमार और गाजियाबाद स्थित वित्तीय कंपनी ‘फाइनेंस केयर’ के प्रमुख अंकुर अग्रवाल, शामिल हैं।अंकुर अग्रवाल शाहदरा दिल्ली के निवासी हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा महिला और उनके साथी, कन्नू जोशी, को बैंक प्रबंधक से मिलवाया गया, जिसके बाद कथित रूप से महिला की संपत्ति को रुपये 2 करोड़ 58 लाख में राज किशोर वर्मा को बेच दिया गया। यह आरोप है कि यह सौदा बैंक से लोन के माध्यम से किया गया और बैंक से प्राप्त राशि इन सभी पक्षों में आपसी साजिश के तहत वितरित की गई। आयुक्त द्वारा इस प्रकरण में गंभीरता से संज्ञान लिया गया है और अगली कार्रवाई के तहत सभी संबंधित पक्षों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। जांच में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

विगत दिनों चंदन डायग्नोसिस भवन में लिफ्ट में कुछ पत्रकार फंस गए थे। आयुक्त ने इस घटना का संज्ञान गंभीरता से लिया और कहा कि इस घटना से जानमाल की हानि हो सकती थी। इस संबंध में भवन के स्वामी को स्पष्टीकरण के साथ ही लिफ्ट के रखरखाव से संबंधित विवरण मांगे गए। आयुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्देश दिए कि शहर के सभी लिफ्टयुक्त भवनों में तकनीकी रखरखाव की जांच की जाए और जहां लिफ्ट संचालन हो रहा है, वहां लिफ्ट ऑपरेटर की अनिवार्य तैनाती सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी नैनीताल व उधमसिंह नगर को इसके नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। जनसुनवाई में राष्ट्रीय खेलों में वॉलिंटियर के तौर पर लगभग 70 लोगों द्वारा कार्य किया गया लेकिन अब तक कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया गया। जिस पर आयुक्त ने लोगों की समस्याओं को सुना। कंपनी को पूर्ण भुगतान हो चुका है, लेकिन देहरादून की जिस फर्म द्वारा लोगों को वॉलिंटियर के तौर पर लगाया गया था, उक्त फर्म के द्वारा भुगतान नहीं किया गया। आयुक्त ने जिला क्रीड़ा अधिकारी को जांच करने के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि यदि उक्त फर्म द्वारा भुगतान नहीं किया गया है तो संबंधित फर्म के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जनसुनवाई में एक शिकायतकर्ता द्वारा भूमि खरीद से जुड़ी समस्या उठाई गई, जिसमें चाय बागान की लीज समाप्त होने के बावजूद भवन निर्माण की अनुमति न मिलने पर भुगतान की राशि वापस दिलाने का अनुरोध किया गया। इस पर आयुक्त ने संबंधित पक्षों को तलब कर मामले की जांच कर समाधान का आश्वासन दिया। अन्य शिकायतों में भूमि की पैमाइश, संपत्ति धोखाधड़ी और पारिवारिक मुआवजा से संबंधित प्रकरण शामिल थे, जिनमें से अधिकांश का समाधान मौके पर किया गया। साथ ही आयुक्त ने नगर आयुक्त ऋचा सिंह को निर्देश दिए कि शहर में मिलावटखोरों के खिलाफ संयुक्त रूप से अभियान चलाया जाए और जो लोग इसमें लिप्त पाए जाएं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट से जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा होता है। उन्होंने मुख्य मार्ग पर ठेले लगाकर लोगों द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण पर भी चिंता व्यक्त की। जिससे आवागमन बाधित होने से जाम लगता है। उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि शहर में कोई भी ठेला बिना सत्यापन व निगम में पंजीकरण के नहीं लगाया जाएगा।