भारत की पहली AI रोबोट टीचर हुई लांच!कॉटन की साड़ी पहने बच्चों को पढ़ाते हुए क्लासरूम में दिखाई दी AI टीचर, लिंक में जानिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की इस रोबोट टीचर में क्या है खास!
इसमें कोई दो राय नहीं कि आज AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब लोगो की जॉब काटने का काम कर रही है,चाहे वो कंटेंट राइटिंग का काम हो या न्यूज बोलने का, हर जगह AI अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। AI रोबोट मल्टीपल टास्क करने में परफेक्ट होते है,एक साथ कई काम करने में एक्सपर्ट होते है,इसीलिए आज AI को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है।
इसी कड़ी में अब केरल के एक स्कूल में भी AI के जरिए एक नया इतिहास रच दिया है। तिरुवनंतपुरम में केटीसीटी हायर सेकेंडरी स्कूल ने अपना पहला जेनरेटिव AI टीचर आइरिस बच्चों को पढ़ाने के लिए तैनात किया है जिसे मेकरलैब्स एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है। शिक्षा को छात्रों के लिए पूरी तरह से अनुकूल अनुभव बनाते हुए,AI टीचर आइरिस कम से कम तीन भाषाएं बोल सकती है, कठिन सवालों का जवाब दे सकती है, और वॉयस असिस्टेंट, इंटरैक्टिव लर्निंग,घुमा फिरा कर पूछे गए सवाल के जवाब,देने में माहिर है।
आइरिस का एक वीडियो मेकरलैब्स ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर भी साझा किया है,जो सोशल मीडिया में अब खूब वायरल हो रहा है। वीडियो साझा करते हुए, मेकरलैब्स ने कहा कि AI टीचर रोबोट आइरिस सीखने के परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है जैसा कि हम जानते हैं.
मेकरलैब्स ने पोस्ट पर लिखा, प्रत्येक छात्र की जरूरतों और प्राथमिकताओं को अपनाकर, आईआरआईएस शिक्षकों को पहले जैसा आकर्षक और प्रभावी पाठ देने का अधिकार देता है।
अपने कैमरे के जरिए आइरिस यह समझ लेती है कि उसका सामना कौन कर रहा है और फिर काम करना शुरू कर देती है. यह पहचान सकती है कि यह छात्र है या शिक्षक और उसके बाद प्रतिक्रिया देनी है। आइरिस ह्यूमनॉइड तकनीक चैट जीपीटी में प्रोग्राम को संशोधित करके कार्य करती है, जो एक शिक्षक के लिए उपयुक्त है. इसमें आवाज को इनपुट के रूप में संसाधित किया जाता है और Google translate के जरिए ऑडियो में बदल दिया जाता है। बोलने के अलावा, आइरिस आगे-पीछे घूम सकती है और हाथ भी मिला सकती है,यह चार पहियों पर चलती है, आइरिस की गतिविधियों को ब्लूटूथ के जरिए नियंत्रित किया जाता है।मेकर्स लैब का लक्ष्य है कि इस महीने के भीतर केरल के अन्य स्कूलों में प्रौद्योगिकी लाना है।
बता दें कि मेकरलैब्स के मुताबिक आइरिस एक 'इनोवेटिव वॉयस असिस्टेंट है जिसे शैक्षिक सेटिंग्स और DIY सीखने के माहौल में सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है'. 'रोबोटिक्स और जेनरेटिव एआई प्रौद्योगिकियों की संभावनाओं से संचालित, यह रोबोट इंटरैक्टिव क्षमताओं के साथ एक बहुमुखी शिक्षण उपकरण के रूप में कार्य करता है. कार्यों को संचालित करने के लिए एक समर्पित इंटेल प्रोसेसर और एक सहप्रोसेसर से सुसज्जित, रोबोट निर्बाध प्रदर्शन और प्रतिक्रिया प्रदान करता है. इसके एंड्रॉइड ऐप इंटरफ़ेस के साथ, उपयोगकर्ता व्यक्तिगत सीखने के अनुभव के लिए रोबोट को आसानी से नियंत्रित और इंटरैक्ट कर सकते हैं
अटल टिंकरिंग लैब को वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने वाली कंपनियों में से एक है, हाउ एंड वाई और एक स्टार्ट-अप कंपनी मेकर्स लैब ने एक लाख रुपये की लागत से आइरिस को ह्यूमनॉइड में बदल दिया. स्कूल के कई छात्रों ने भी अपने आई टीचर की निर्माण प्रक्रिया में भाग लिया. मेकरलैब्स अपने अविष्कार जारी रखे हुए हैं. मेकरलैब्स ने2 कहा कि अब एआई शिक्षक को और अधिक इंटरैक्टिव बनाने पर काम कर रहा हूं. कुछ बग हैं जिन्हें उन्हें ठीक करना होगा. मुख्य मुद्दा शोरगुल वाले माहौल में एक विशिष्ट प्रश्न की पहचान करना है.
AI रोबोट टीचर के वीडियो को देखकर लोगो ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी है,लोग तरह तरह के कमेंट कर रहे है और टीचर्स को अलर्ट रहने की हिदायत भी दे रहे हैं।