ऊधम सिंह नगर में जमीन दलाल चुस्त और प्रशासन सुस्त! नियमों को ठेंगा दिखाकर जोरों पर चल रहा कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का खेल, सरकार को रोजाना लग रहा लाखों का चूना
कृषि भूमि को किस तरह से अवैध प्लाटिंग कर कंक्रीट के जंगल में बदला जा रहा है, इसकी बानगी देखनी है तो जनपद ऊधम सिंह नगर और विशेषकर रुद्रपुर और उसे सटे क्षेत्रों में देखा जा सकता है। जहाँ तमाम शहरी और ग्रामीणों क्षेत्रों में धड़ल्ले से बिना स्वीकृति के कृषि भूमि पर प्लाटिंग की जा रही है। तमाम प्लाटिंग क्षेत्र ऐसे हैं, जिनकी जांच की जानी बाकी है। लंबे समय से यहा कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग के मामले में प्रशासन सुस्त तो जमीन दलाल चुस्त दिखाई दे रहे हैं। रोजाना लाखों रुपए की जमीन की खरीदी बिक्री नियम विरुद्ध की जा रही है। जिस पर अंकुश लगाने महज अब तक जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा नोटिस जारी किया गया है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से प्लाटिंग करने वालों के हौसले लगातार बुलंद नजर आ रहे हैं।
जमीनों के दाम आसमान छूने के साथ ही अवैध प्लाटिंग का काम तेजी से फल फूल रहा है। उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर,दिनेशपुर किच्छा सितारगंज,खटीमा,जसपुर,काशीपुर में लम्बे समय से अवैध प्लाटिंग के हॉट स्पॉट बने हुए हैं। दरअसल पर्वतीय क्षेत्रों से तेजी से पलायन होकर लोगों ने मैदानी इलाको की ओर रूख किया है। ऐसे में जनपद ऊधम सिंह नगर के इन इलाको में अवैध प्लाटिंग होने लगी है। अवैध प्लाटिंग के लिए बाग बगीचों का भी सफाया किया जाता है। अवैध प्लाटिंग करने वाले बेखोफ होकर भूखंडों को बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग हो रही है। जनपद ऊधम सिंह नगर के कई क्षेत्रों में औद्योगिक कंपनियों के स्थापना के बाद इस क्षेत्र में भी तेजी से कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग देखने को मिली है। जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर बिना डायवर्सन के खरीद बिक्री करने का काला कारोबार लम्बे समय से जारी है। अवैध प्लाटिंग कर जमीन को ऊंचे दामों में बिक्री करने वाले भू माफियाओं पर प्रशासनिक शिकंजा नहीं कसे जाने से भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। इतना ही नहीं राजस्व विभाग और रेरा के नियम-कानून को ताक पर रख नगर व आसपास के ग्राम पंचायतों में कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग काट कर जमीन की खरीदी बिक्री किया जा रहा हैं। इस अवैध काम में भूमाफियाओं को स्थानीय पटवारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। पटवारियों ने खसरों में कई टुकड़ों में प्लाट काट दिया है। ऐसे में शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है।
वर्तमान में भी कई कृषि भूमि के खसरो में अवैध क्रय-विक्रय की प्रक्रिया चालू है। जो कि संज्ञान योग्य है एवं अवैध भू-खण्ड स्वामी द्वारा करोड़ों रूपये कमाकर कृषि भू-खण्ड विक्रय कर आयकर की भी चोरी की जा रही है। उक्त भूमि पर अवैध प्लाटिंग किए जाने से शासन को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाना संभावित है। उक्त अवैध प्लाटिंग से शासन को अनावश्यक मूलभूत सुविधाएं बिजली पानी, रोड, नाली एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए करोड़ो रूपये आर्थिक क्षति संभावित है जो कि दर्शित है उक्त विषय की स्वतंत्र जांच करवायी जानी चाहिए।