हेयर ट्रांसप्लांट कांडः असहनीय दर्द उठा और थम गई दो इंजीनियरों की सांसे! फरार डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए चार शहरों में पुलिस की छापेमारी, डिग्री पर उठे सवाल

कानपुर। यूपी के कानपुर में हुए हेयर ट्रांसप्लांट केस ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। इस प्रक्रिया के बाद दो युवा इंजीनियर्स की मौत हो गयी, जबकि एक मरीज की जान मुश्किल से बचाई जा सकी। यह मामला केवल डॉक्टर की लापरवाही ही नहीं, बल्कि एक बड़े हेल्थ सिस्टम की खामी की ओर इशारा करता है। इस केस में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद दोनों इंजीनियरों विनीत दुबे और मयंक कटियार के चेहरे में सूजन आ गई थी। इसके बाद दर्द से तड़प कर उनकी मौत हो गई थी। जब यह मामला सुर्खियों में आया तो पुलिस और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया। कानपुर सीएमओ डॉक्टर हरीदत्त नेगी तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच बैठाई है। वहीं पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। वहीं मामले में फरार चल रहीं डॉक्टर अनुष्का तिवारी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित कर दी हैं। अलग-अलग जिलों में पुलिस अनुष्का और उनके पति की तलाश कर रही है। इसी बीच पुलिस ने डॉक्टर अनुष्का के पिता को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की। उन्होंने अनुष्का की लोकेशन के बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि वह कहां हैं या कहां हो सकती हैं।
मामले की जांच कर रहे एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि झांसी, कानपुर देहात,लखनऊ और कानपुर सिटी में कई स्थानों पर दबिश देकर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए गए हैं। अनुष्का और उनके पति दोनों के फोन स्विच ऑफ हैं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। उधर अनुष्का तिवारी ने अपने वकील के माध्यम से एक बयान पुलिस को भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है। एसीपी का कहना है कि यह बयान मान्य नहीं है और उनकी तलाश जारी है।
इधर डॉक्टर अनुष्का की डिग्री को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। जांच में सामने आया है कि डॉक्टर अनुष्का ने फरीदाबाद के मानव रचना डेंटल कॉलेज से बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) किया था। वहीं उनके पति सौरभ ने कानपुर के महाराणा प्रताप डेंटल कॉलेज से बीडीएस और फिर एमडीएस किया है। बीडीएस करने के बावजूद अनुष्का खुद को डर्मेटोलॉजिस्ट बताकर लोगों की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी कर रही थीं।