बागेश्वर में उत्तरायणी मेले का भव्य आगाज! कुमाऊं रेजिमेंट की सुंदर झांकियों ने मोहा मन, उमड़ा आस्था का सैलाब

बागेश्वर। कुमाऊं की काशी के नाम से विख्यात बाबा बागनाथ नगरी बागेश्वर में उत्तरायणी मेले का भव्य आगाज हो गया है। इस दौरान कुमाऊं रेजिमेंट की धुन पर हर कोई थिरकता नजर आया। वहीं मेले में उत्तराखण्ड की संस्कृति की अलग-अलग झांकियों ने हर किसी का मन मोह लिया। बता दें कि कुमाऊं और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों के लोग उत्तरायणी मेले का बेसब्री से इंतजार करते हैं और यह मेला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। बागेश्वर में उत्तरायणी मेले की शुरुवात भव्य झाकियों के साथ शुरू हुई। इस दौरान कुमांऊ रेजिमेंट के सैनिक भी हर वर्ष उत्तरायणी की शुरुवात करने बागेश्वर पहुंचते हैं। इस मौके पर कुमाऊ कमिश्नर व जिलाधिकारी बागेश्वर ने उत्तरायणी मेले की झांकियों को हरी झण्डी दिखाकर मेले की शुरूआत की। उत्तरायणी मेला 19 जनवरी तक चलेगा। यह मेला व्यापारिक, सांस्कृतिक व धार्मिक के साथ-साथ राजनैतिक मेले के रूप में अपनी पहचान रखता है।
सांस्कृतिक आयोजनों और व्यापार का केन्द्र है उत्तरायणी मेला
बागेश्वर में सरयू-गोमती व सुप्त भागीरथी के पावन संगम तट पर भगवान शिव के प्राचीन बागनाथ मंदिर के पास हर साल उत्तरायणी मेले का आयोजन होता है। यह मेला सांस्कृतिक आयोजनों और व्यापार का केंद्र होता है। मेले में संगम तट पर दूर-दूर से श्रद्धालु, भक्तजन आकर मुडंन, जनेऊ सरंकार, स्नान, पूजा-अर्चना करते हैं। मकर सक्रांति के दिन सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच जाते हैं। मेले में बाहर से आए हुए कलाकार खास तरह के नाटकों का मंचन करते हैं, जबकि स्थानीय कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए स्थानीय संस्कृति की झलक दिखाते हैं। इस दौरान स्कूल-कॉलेजों से आए छात्र भी रंगारंग कार्यक्रम पेश करते हैं।