परिजन करा रहे थे जबरदस्ती 16 साल की नाबालिग की शादी! बालिका ने की परिजनों की शिकायत,रूका विवाह

Family members were forcing a 16-year-old minor to get married! The girl complained against the family members and the marriage was stopped

रुद्रप्रयाग। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से बाल विवाह रोकने को लेकर ज़मीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बुधवार को विकासखंड जखोली के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में एक नाबालिग बालिका की शादी रूकवाई गई। नाबालिग की उम्र महज 16 साल थी। बीते दो महीनों में जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार की निगरानी में ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अखिलेश मिश्र और उनकी टीम की सजगता और सतर्कता से 16 नाबालिगों की शादी रूकवाई जा चुकी है। साथ ही परिजनों को सख्त हिदायत देते हुए ऐसा कृत्य दोबारा ना करने की चेतावनी दी गई है।

विकासखंड जखोली के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र से चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर एक नाबालिग ने अपने घरवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई कि उसके घरवालों की ओर से जबरदस्ती उसका विवाह करवाया जा रहा है, जबकि उसकी उम्र अभी मात्र 16 साल है और वह दसवीं की छात्रा है। शिकायत के आधार पर चाइल्ड हेल्पलाइन से केस वर्कर अखिलेश सिंह और जिला बाल संरक्षण इकाई से सोशल वर्कर पूजा भंडारी ने नाबालिक बालिका के घर पर जाकर उसके माता-पिता को समझाया। इसके पश्चात वर पक्ष के घरवालों से भी बात कर उन्हें समझाया गया कि बाल विवाह कानूनन अपराध है, जिसके लिए दो वर्ष का कारावास और एक लाख का जुर्माना दोनों हो सकता है। इसके अलावा दोनों पक्षों को यूसीसी की जानकारी भी प्रदान की गई। जिसके अंतर्गत किसी भी विवाह का पंजीकरण आवश्यक है और यदि किसी नाबालिग विवाह का पंजीकरण होता है तो उस स्थिति में दोनों पक्षों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जानी सुनिश्चित है। ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अखिलेश मिश्र ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में इस प्रकार के कृत्य की सूचना मिलने पर त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है। जहां नाबालिग बालिका के परिजनों को समझाया जा रहा है, वहीं शादी करने वाले पुरुष को भी स्पष्ट चेतावनी दी जा रही है कि अगर उसकी ओर से भविष्य में इसकी कुचेष्टा की जाती है तो उसके विरुद्ध पोक्सो के तहत मामला साफ दर्ज़ हो सकता है। बताया कि बाल विवाह के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान में और भी तेज़ी लाई जाएगी और जब तक इस कुप्रथा के विरुद्ध आम जनमानस में पूर्ण जागरूकता नहीं आ जाती और लोग स्वतः अपने स्तर पर इसको रोकने के लिए खुद आगे नहीं आ जाते, तब तक इस अभियान को पूरी ताकत के साथ चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि डीएम सौरभ गहरवार के निर्देशन में चलाये जा रहे अभियान से लोगों में जागरूकता भी आ रही है। लोग अब सामने आने लगे हैं और ऐसे प्रकरण में सूचना देने लगे हैं। मकसद यही है कि जनपद रुद्रप्रयाग को इस कुप्रथा से पूर्णतः मुक्त किया जाए।