उत्तराखंड के हर जिले में बनेगा नशा मुक्ति केंद्र! होगा अलग बजट मद,एनकॉर्ड की बैठक में सीएस ने दिए निर्देश

De-addiction centres will be built in every district of Uttarakhand! There will be a separate budget item, CS gave instructions in the ENCORD meeting

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में एक-एक नशा मुक्ति केंद्र अनिवार्य रूप से स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नशा मुक्ति केंद्रों के लिए अलग से बजट मद भी बनाने को कहा है। उन्होंने नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान को तेज करने समेत कई दिशा निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने यह निर्देश सोमवार को हुई नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनकॉर्ड) की बैठक में दिए। बैठक में नशे के खिलाफ इस साल की अब तक की कार्रवाई का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों की तरह निजी स्कूलों और कॉलेजों में एंडी ड्रग्स कमेटी अनिवार्य रूप से गठित कराई जाए। एंटी ड्रग ई-प्लीज (ऑनलाइन शपथ) का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए। अब तक सवा दो लाख लोगों को ऑनलाइन शपथ दिलाई जा चुकी है।

इस मामले में उत्तराखंड छठवें स्थान पर है। सीएस ने शैक्षिक संस्थानों के कैंपस को ड्रग फ्री सुनिश्चित करने के लिए एनजीओ, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ एमओयू करने के निर्देश भी दिए। कहा कि नशे को जड़ से उखाड़ने के लिए हर दिशा में कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ऐसे में जो कोई इस दिशा में लापरवाही करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। बैठक में गृह सचिव शैलेश बगौली सहित पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। एनकॉर्ड की बैठक न कराने वाले पांच जिलों के जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव ने फटकार भी लगाई। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, चमोली और चंपावत आदि जिलों में इस साल में एक भी बैठक नहीं हुई। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि हर माह एनकॉर्ड की बैठक होनी है। बैठक न कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि भी दर्ज की जाएगी। उन्होंने मेडिकल स्टोर पर दवाओं का नशे के रूप में दुरुपयोग होने पर सख्त निगरानी करने के निर्देश भी दिए। हर हाल में हर मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। ये आदेश भी मुख्य सचिव ने दिए। साथ ही रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन करने को भी कहा।