सराहनीय पहलः एक दिन के लिए डीएम और एसएसपी बनीं होनहार बेटियां! कुर्सी पर बैठकर सुनीं जनसमस्याएं, खुशी से छलके परिजनों के आंसू

Commendable initiative: Promising daughters became DM and SSP for a day! Listened to people's problems sitting on chair, family members shed tears of joy

लखनऊ। यूपी के सहारनपुर में प्रशासन द्वारा एक सराहनीय पहल करते हुए इंटर में टॉप करने वाली छात्राओं को एक दिन का ज़िलाधिकारी, एसएसपी, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, सीडीओ और अन्य अधिकारी बनाया गया। इसके लिए 10 छात्राओं का चयन किया गया। इस सूची में एक दिन के लिए जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठने वाली यशवी एक किसान की बेटी हैं। इस दौरान अपनी-अपनी बेटियों को कुर्सी पर बैठकर देख परिजनों के खुशी से आंसू छलक उठे। ज़िला अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर एक दिन की डीएम बनने के बाद लोगों की फ़रियादें सुनने में यशवी के अंदर अलग ही उत्साह और आत्मविश्वास नजर आया। एक दिन की डीएम बनने पर यशवी ने कहा कि यह उसके लिए बहुत बड़ा तोहफ़ा है। यशवी ने बताया कि उसकी इच्छा भविष्य में डीएम बनने की ही है, लेकिन आज उसे इस कुर्सी पर बैठकर अलग ही खुशी मिली है।

यशवी ने डीएम की कुर्सी पर बैठकर फ़रियादें सुनीं और उनका समाधान करने का प्रयास भी किया। यशवी ने कहा कि मैं सब लड़कियों से कहना चाहती हूं कि अगर वह ठान लें तो कुछ भी कर सकती हैं। यशवी ने कहा कि डीएम की कुर्सी आसान तो नहीं है जितनी बड़ी पोस्ट है, उतनी बड़ी जिम्मेदारी भी है। उतने बड़े काम भी हैं, और हम बाहर बैठे तो कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन जब मैंने इस कुर्सी पर बैठकर देखा तो पता चला कि कितनी परेशानियां होती हैं। उन्हें सभी समस्याएं सुनकर जिले को संभालना पड़ता है। वहीं सहारनपुर के ज़िलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि यशवी कुश हमारे जिले की 12वीं कक्षा की टॉपर हैं। एक किसान परिवार से आती हैं, और जब बच्चे पढ़ते हैं, तो उनके मन में बड़े सपने होते हैं कि वह अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि मिशन शक्ति के अंतर्गत यह जो पहल है, जिसमें आज इनको मौका दिया गया है, उससे न सिर्फ उनके अंदर एक इच्छा शक्ति जागेगी, बल्कि तमाम छात्र-छात्राएं जो इस पल को देखेंगे, उनके अंदर भी इच्छा शक्ति जागेगी कि अगर वह कड़ी मेहनत करें, पढ़ाई करें और किसी भी कार्य को लगन से करें तो वे कुछ भी कर सकते हैं।