निकाय चुनाव टिकट विश्लेषणः संघ नहीं, संगठन नहीं, सीएम धामी ही सर्वोपरि! करीबियों को किया अंदर, जमीनी कार्यकर्ता हुए बाहर! सोशल मीडिया पर दो दिन पहले ही घोषित हो जा रहे प्रत्याशी, मंथन बना मजाक

Civic Election Ticket Analysis: Not Sangh, not organization, CM Dhami is supreme! Close ones were kept in, grassroots workers were kept out! Candidates are being declared two days in advance on socia

रुद्रपुर/काशीपुर। निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने आज रविवार को छह सीटों पर मेयर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। रुद्रपुर की बात करें तो भाजपा द्वारा यहां से विकास शर्मा को मैदान में उतारा गया है। विकास शर्मा के नाम को लेकर पहले से ही चर्चाएं चल रही थी और दो दिन पहले ही उनके समर्थकों और कुछ मीडियाकर्मियों ने उनका नाम फाइनल होने की खबरें चलाई थी और हुआ भी ऐसा ही। आज जब लिस्ट आई तो उसमें विकास शर्मा का नाम फाइनल हो गया। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी नहीं होगी कि भाजपा की सूची जारी होने से पहले ही सबकुछ तय था, मात्र औपचारिकता होनी थी। विकास शर्मा सीएम धामी के करीबी माने जाते हैं, जिसका फायदा भी उन्हें मिला। 

इधर काशीपुर सीट को लेकर भी प्रत्याशियों के नाम को लेकर खासी चर्चा है। हैरानी की बात ये है कि यहां सूची जारी होने से पहले ही सीएम धामी के करीबी माने जाने वाले दीपक बाली के समर्थकों ने ढोल नगाड़ो की थाप पर जश्न मना लिया। काशीपुर और रुद्रपुर नगर निगम में भाजपा से दावेदारी करने वालों में दो चेहरे ऐसे हैं जो सिर्फ सीएम के करीबी होने के चलते दावेदारी में अपनी मजबूती दिखा रहे है जिसमें रुद्रपुर नगर निगम की मेयर सीट के लिए दो दिन पहले से सोशल मीडिया में छाए विकास शर्मा जिन्हें भाजपा से टिकट मिल चुका है और काशीपुर से धामी के भी बेहद करीबी माने जाने वाले दीपक बाली जिनका अभी टिकट फाइनल नहीं हुआ है उन्होंने विकास शर्मा से दो कदम आगे आकर टिकट मिलने से पहले ढोल नगाड़े बजवाकर खुद को भाजपा से प्रत्याशी घोषित करते हुए जश्न भी मना डाला है। 

दीपक बाली आम आदमी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और  विधानसभा चुनाव भी लड चुके हैं। चुनाव हारने के बाद दीपक बाली ने गुलाटी मारी और सीएम धामी के साथ हाथ पकड कर भाजपा में शामिल हो गये। दीपक बाली ने आम आदमी पार्टी में रहते हुए वर्तमान मेयर पर जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और भाजपा के खिलाफ भी जमकर आग उगली थी, लेकिन जैसे ही दीपक बाली भाजपा की नाव में सवार हुए तो टिकट की लाईन में भी लग गए। अभी तक संगठन में भले ही काशीपुर मेयर प्रत्याशी की घोषणा के लिए कई तरीके से मंथन चल रहा हो, लेकिन दीपक बाली ने देर रात खुद अपनी घोषणा करते हुए जमकर जश्न भी मना डाला। अब ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह दो दिन पहले से रुद्रपुर नगर निगम के लिए विकास शर्मा का टिकट फाइनल माना जा रहा था और अभी कुछ घंटों पहले भाजपा से टिकट फाइनल हो गया। इसी तरह से दीपक बाली का भी टिकट फाइनल हो सकता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में इस वक़्त सीएम धामी के चहेतों को टिकट दिया जा रहा है जिसमें संघ और संगठन की भूमिका कहीं नजर नहीं आती। कहने को लगातार टिकट के लिए मंथन चल रहा है, लेकिन अंत में मुहर सीएम धामी ही लगा रहे हैं।

बहरहाल टिकट की दावेदारी में काशीपुर से कई एसे चेहरे हैं जिन्होने लम्बे समय से पार्टी की सेवा की है और संघ-संगठन को मजबूत करने में अपनी भागेदारी निभाई है, लेकिन भाजपा और संघ के कर्मठ कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज कर अचानक से दलबदलू दावेदारों को सीएम धामी का करीबी होने की वजह से अगर टिकट मिल जाता है तो इससे पार्टी की छवि खराब हो सकती है और संभावना है कि भीतरघात के चलते कहीं भाजपा को मेयर की सीट ही न गवानी पड़ जाए।  भाजपा से टिकट की दौड़ में कुछ ऐसे दावेदार भी हैं जिन्होने पार्टी की रीति नीति के साथ काम किया है और पार्टी को मजबूत करने में हमेशा सहयोग दिया है। दावेदारी में भले ही वो नया चेहरा हो लेकिन पार्टी में बगावत की आग से जरुर दूर हैं, जिन पर दांव खेलना भाजपा को मजबूती दे सकता है। वहीं सीएम धामी के करीबी पर यदि दांव खेला जाता है तो काशीपुर फिर से इतिहास दोहरा सकता है और कार्यकर्ता, पदाधिकारी पार्टी के प्रत्याशी को छोड़ किसी और चेहरे को चुनावी मैदान में जीत दिला सकते हैं।